अखिलेश यादव का भाजपा पर निशाना : उत्तराखंड को बना दिया भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला, कहा- जंगल कटान और भूस्खलन की समस्याओं से जूझ रहा प्रदेश 

उद्योग धंधों का अभाव है

अखिलेश यादव का भाजपा पर निशाना : उत्तराखंड को बना दिया भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला, कहा- जंगल कटान और भूस्खलन की समस्याओं से जूझ रहा प्रदेश 

जनमत संग्रह कराकर अलग राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश के दोनों सदनों में उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण का प्रस्ताव पास कराकर केन्द्र सरकार को भेजा था।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुये कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से जूझते उत्तराखंड को भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला बना दिया गया है। 9 नवम्बर को उत्तराखंड राज्य की स्थापना दिवस पर अपने संदेश में उन्होने पर्वतीय राज्य के लोगों की सुख-समृद्धि की कामना करते हुये उन्होने कहा कि उनकी पार्टी उत्तराखण्डवासियों  के हितों तथा विकास के लिए प्रतिबद्ध है और वह उनके सुख दुख में हमेशा साथ है। उन्होने कहा कि 9 नवम्बर 2025 को उत्तराखंड राज्य 25 वर्ष का हो जाएगा।

जनमत संग्रह कराकर अलग राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश के दोनों सदनों में उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण का प्रस्ताव पास कराकर केन्द्र सरकार को भेजा था, लेकिन 25 सालों में उत्तराखंड की जनता को आकांक्षाओं के अनुरूप अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। यादव ने कहा कि पर्यावरण का ख्याल किए बगैर विकास के नाम पर अंधाधुंध जंगल कटान और अवैध खनन से उत्तराखंड भारी वर्षा, बादलों के फटने के अलावा भूस्खलन की समस्याओं से लगातार जूझ रहा है। जनधन की भारी क्षति हो रही है। बेरोजगारी चरम पर है। सीमावर्ती 1796 गांव मानव विहीन हो गए। स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। शिक्षा की दशा बदहाल है। उद्योग धंधों का अभाव है।

सच तो यह है कि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला बना दिया गया है। प्राकृतिक संसाधनों की लूट मची है। बिना विशेषज्ञों के परामर्श और सघन सर्वेक्षण के लागू परियोजनाएं आपदा का कारण बन रही है। राज्य सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। प्रदेश में विज्ञापनों और बयानों पर ही सरकार चल रही है। यादव ने कहा कि उत्तराखंड में स्थित चारों धाम की यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते है। इन तीर्थ स्थानों की पवित्रता एवं अस्मिता की लगातार उपेक्षा हो रही है। तीर्थाटन को पर्यटन का नया रंग रूप दिया जा रहा है। उद्योगपतियों को प्रश्रय देकर यहां सुविधाओं के नाम पर कंक्रीट के जंगल उगाए जा रहे है। जनता महंगाई की मार झेल रही है। जनता को सामान्य नागरिक सुविधाएं भी पर्याप्त सुलभ नहीं है। अब नई सोच से राज्य के समग्र विकास की आवश्यकता है।

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