चीन के थ्री गॉर्जेज डैम निर्माण से पृथ्वी के घूमने की गति हुई कम : बिजली बनाने के लिए चीन बना रहा डैम, दुनिया के लिए बड़ा संकट होने की संभावना
यह दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोइलेक्ट्रिक डैम है
नासा के अनुसार थ्री गॉर्जेज बांध के जलाशय में जमा होने वाले पानी की वजह से पृथ्वी के द्रव्यमान का वितरण बदल जाता है, जिससे पृथ्वी के घूमने की गति 0.06 माइक्रोसेकेंड तक धीमी हो गई।
वाशिंगटन। चीन अपनी प्रौद्योगिकी और तकनीकी क्षमता से दुनिया के लिए नई मुसीबतें उत्पन्न् करता ही रहता है। चीन का थ्री गॉर्जेज डैम ऐसा ही एक काम है, जिससे धरती के घूमने की गति कम हुई है और दुनिया के लिए एक बड़ा संकट हो सकता है। इसे बिजली बनाने के लिए बनाया गया है। इससे चीन को अपने इलाके को संभालने में भी मदद मिलती है, लेकिन इस डैम का असर सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। इस डैम के आकार और वजन को देखते हुए नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे धरती के घूमने की गति पर भी असर पड़ा है। यह सोचने वाली बात है कि क्या हमारी इंजीनियरिंग धरती को भी बदल सकती है। नासा के अनुसार थ्री गॉर्जेज बांध के जलाशय में जमा होने वाले पानी की वजह से पृथ्वी के द्रव्यमान का वितरण बदल जाता है, जिससे पृथ्वी के घूमने की गति 0.06 माइक्रोसेकेंड तक धीमी हो गई।यह दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोइलेक्ट्रिक डैम है।
हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर बनाने में दुनिया में सबसे आगे
चीन हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर बनाने में दुनिया में सबसे आगे है। थ्री गॉर्जेज डैम बहुत बड़ा है, लेकिन यह चीन की सिर्फ 3 प्रतिशत बिजली की जरूरत को ही पूरा करता है, लेकिन इसका महत्व सिर्फ बिजली बनाने तक ही सीमित नहीं है। वैसे नासा ने वर्ष 2005 में इस बांध के निर्माण के समय ही अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस डैम से धरती के घूमने की गति पर असर पड़ सकता है, जब कोई बड़ी चीज अपनी जगह बदलती है, तो ऐसा होता है। भूकंप आने या जलाशय भरने से भी ऐसा हो सकता है। नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के डॉ. बेंजामिन फोंग चाओ का कहना है कि यहां तक कि कार चलाने जैसी छोटी चीजें भी हमारी धरती पर थोड़ा असर डालती हैं। थ्री गॉर्जेज डैम में बहुत सारा पानी है। इससे पता चलता है कि कैसे व्यक्ति की गतिविधियां अनजाने में धरती को बदल सकती हैं। यह डैम दिखाता है कि कैसे इंसान और प्रकृति एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

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