डीजीसीए का एयर इंडिया के खिलाफ कदम : ड्यूटी अनुक्रम में नियमों का उल्लंघन, 3 वरिष्ठ अधिकारियों को सेवा से हटाने का आदेश
रेसेंसी नियमों का उल्लंघन किया
आदेश पत्र में कहा गया है कि तीनों अधिकारियों ने नियमों के खिलाफ चालक दल का संयोजन बनाने के साथ ही लाइसेंस तथा रेसेंसी नियमों का उल्लंघन किया है।
नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया के खिलाफ चालक दल के सदस्यों (क्रू मेंबरों) की ड्यूटी अनुक्रम में नियमों का जानबूझकर उल्लंघन करने पर कार्रवाई करते हुए तीन वरिष्ठ अधिकारियों को सेवा से हटाने का आदेश दिया है। हस्ताक्षरित आदेश में डीजीसीए ने जिन तीन वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने के निर्देश दिए हैं, उनमें डिवीजनल वाइस प्रेसिडेंट चूड़ा सिंह, आॅपरेशंस डायरेक्टोरेट में क्रू शेड्यूलिंग से जुड़ी पिंकी मित्तल और क्रू शेड्यूलिंग-प्लानिंग की पायल अरोड़ा शामिल हैं। आदेश पत्र में कहा गया है कि तीनों अधिकारियों ने नियमों के खिलाफ चालक दल का संयोजन बनाने के साथ ही लाइसेंस तथा रेसेंसी नियमों का उल्लंघन किया है।
बार-बार मनमानी और नियमों के गंभीर उल्लंघन सामने आया
आदेश पत्र में कहा गया कि लाइसेंसिंग, आराम और रीसेंसी आवश्यकताओं में चूक के बावजूद फ्लाइट क्रू को शेड्यूल और संचालित करने के संबंध में एयर इंडिया द्वारा बार-बार मनमानी और नियमों के गंभीर उल्लंघनों का खुलासा किया गया। इन उल्लंघनों का पता विमानन संसाधन प्रबंधन प्रणाली से सीएई फ्लाइट और क्रू मैनेजमेंट सिस्टम की समीक्षा के दौरान चला।
ये अधिकारी बार-बार की गई कई गंभीर चूकों में शामिल रहे
डीजीसीए ने कहा कि क्रू शेड्यूलिंग, अनुपालन निगरानी और आंतरिक जवाबदेही में एयर इंडिया की प्रणालीगत विफलताओं की ओर इशारा करते हैं। विशेष चिंता की बात यह है कि इन परिचालन चूकों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार तीनों प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक उपाय नहीं किए गए हैं। ये अधिकारी गंभीर और बार-बार की गई चूकों में शामिल रहे हैं। डीजीसीए ने तीनों अधिकारियों को अनधिकृत और गैर-अनुपालन क्रू पेयरिंग करने, अनिवार्य लाइसेंसिंग और रीसेंसी मानदंडों का उल्लंघन करने तथा शेड्यूलिंग प्रोटोकॉल और निरीक्षण में प्रणालीगत विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
दस दिन में मांगी रिपोर्ट
डीजीसीए ने कहा कि एयर इंडिया को तत्काल प्रभाव से निर्देश दिया जाता है कि वह इन तीनों अधिकारियों को क्रू शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग से संबंधित सभी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से हटा दे। इन अधिकारियों के खिलाफ बिना देरी के आंतरिक अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करे और ऐसी कार्यवाही के परिणाम की रिपोर्ट इस पत्र के जारी होने की तारीख से 10 दिनों के भीतर इस कार्यालय को सौंपे।
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