कर्मचारियों की हुई बल्ले बल्ले: सैलरी, ग्रेच्युटी और ओवरटाइम पर सरकार का बड़ा एलान, जानें नए लेबर कानून में क्या-क्या हुए बदलाव?
40 करोड़ कामगारों को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार ने 29 पुराने श्रम कानून समाप्त करते हुए चार नए लेबर कोड देशभर में लागू कर दिए हैं। सरकार ने इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया, जिससे रोजगार व्यवस्था सरल होगी और 40 करोड़ से अधिक कामगार सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आएंगे।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने महिलाओं और श्रम सुधारों पर बड़ा कदम उठाते हुए करीब 29 श्रम कानूनों को खत्म कर दिया है और करीब 4 नए लेबर कोड़ पूरे देश में लागू किए हैं। बता दें कि, ये सभी नए कानून कल शुक्रवार यानी 21 नवंबर 2025 से लागू हो गए हैं। इन नए कानूनों के बारे में बताते हुए मोदी सरकार ने कहा है कि, ये बदलाव आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक सुधार होगा, जिससे देश की रोजगार व्यवस्था और इंडस्ट्रियल सिस्टम को नई परिभाषा मिलेगी। इसके आगे केंद्र सरकार ने कहा है कि, ये कोड श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, समय पर वेतन और सुरक्षित कार्यस्थल की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. उम्मीद है कि इससे 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के साथ-साथ नौकरियों के नए अवसर बनेंगे और प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी.
लागू किए गये ये नए लेबर कोड़ इस प्रकार हैं।
- मजदूरी पर कोड (2019)
- इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (2020)
- सोशल सिक्योरिटी पर कोड (2020)
- ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस (OSHWC) कोड (2020)
केंद्र सरकार ने जानकारी देते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया और कहा कि, नया फ्रेमवर्क दशकों पुराने लेबर नियमों को आसान बनाएगा, जिससे वर्कर वेलफेयर को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही सेफ्टी स्टैंडर्ड भी मजबूत बनेगा। बता दें कि, इन कानूनों से भारत का लेबर इकोसिस्टम, दुनिया की सबसे अच्छी प्रैक्टिस करने वाला बनेगा। इसके आगे केंद्र सरकार ने जानकारी देते हुए कहा है कि, इन नए लेबर कोड का मकसद सभी कमचार्रियों के भविष्य के लिए एक सुरक्षित वर्कफोर्स तैयार करना है और उनके लिए मजबूत इंडस्ट्री बनाना है। इसके आगे सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया कि, यह बदलाव रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा, जिससे भारत आत्मनिर्भर बनेगा।

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