ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने तोड़ी पाकिस्तान की कमर : आगे भी हर दुस्साहस का जवाब देने को तैयार, सेना ने कहा- सैन्य ठिकानों को पहुंचाया भारी नुकसान
हमने नागरिकों को क्षति न पहुंचे इसकी सावधानी रखी थी
यह अभियान पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को लक्ष्य कर चलाया गया था और नपी तुली कार्रवाई में हमने नागरिकों को क्षति न पहुंचे इसकी सावधानी रखी थी।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम की घोषणा के बीच भारतीय सशस्त्र बलों ने कहा है कि पाकिस्तान के दुस्साहस का अब तक बेहद जोरदार जवाब देते हुए उसे भारी नुकसान पहुंचाया गया है और सेनाएं भविष्य में उसकी किसी भी हरकत का निर्णाय जवाब देने के लिए पूरी तैयार हैं। नौसेना के कमोडोर रघु आर नायर, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने तीनों सेनाओं की संयुक्त विशेष ब्रीफिंग में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया है और नियंत्रण रेखा के पार उसकी सैन्य चौकियों और कमांड कंट्रोल तथा उपकरणों को तबाह कर दिया गया। यह अभियान पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को लक्ष्य कर चलाया गया था और नपी तुली कार्रवाई में हमने नागरिकों को क्षति न पहुंचे इसकी सावधानी रखी थी।
ऑपरेशन सिंदूर में पांच आतंकवादी सरगना हुए ढेर
1. लश्कर-ए-तैयबा का मुदस्सर खादियां खास उर्फ मुदस्सर उर्फ अबू जुंदाल: यह मरकज तैयबा, मुरीदके का प्रभारी था और इसकी पाकिस्तानी सरकार में अच्छी पैठ थी। पाकिस्तान सेना द्वारा उसके अंतिम संस्कार में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज की ओर से उसे पुष्पांजलि अर्पित की गई।
2. जैश-ए-मोहम्मद का कुख्यात आतंकवादी हाफिज मुहम्मद : यह मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला और बहावलपुर के मरकज सुभान अल्लाह का प्रभारी था। यह युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और जैश-ए-मोहम्मद के लिए धन जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल था।
3. जैश-ए-मोहम्मद के मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी उर्फ मोहम्मद सलीम उर्फ घोसी साहब: यह भी मौलाना मसूद अजहर का साला और जैश-ए-मोहम्मद के लिए हथियारों के प्रशिक्षण का काम देखता था। यह जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था। इस आतंकवादी की कंधार विमान अपहरण मामले में भी तलाश थी।
4. लश्कर-ए-तैयबा का खालिद उर्फ अबू अकाशा: यह जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था। यह अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी में शामिल था। इसका अंतिम संस्कार फैसलाबाद में किया गया। इसमें पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए।
5. जैश-ए-मोहम्मद का मोहम्मद हसन खान: यह मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था जो पीओके में जैश का आॅपरेशनल कमांडर था। इसने जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमलों के समन्वय में अहम भूमिका निभाई।
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