लैंड फॉर जॉब घोटाला में लालू परिवार को बड़ी राहत : दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय करने पर फैसला टाला, जानें क्या है पूरा मामला ?

लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार का आरोप तय करने का फैसला टला

लैंड फॉर जॉब घोटाला में लालू परिवार को बड़ी राहत : दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय करने पर फैसला टाला, जानें क्या है पूरा मामला ?

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित अन्य पर आरोप तय करने का आदेश 8 दिसंबर तक टाल दिया। कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि मृत आरोपियों की सही पुष्टि की जाए। यह मामला 2004–2009 के बीच रेल भर्ती में जमीन के बदले नौकरी देने से जुड़ा है।

पटना। लैंड फॉर जॉब मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू ​परिवार को बड़ी राहत देते हुए आरोप तय करने का आदेश फिलहाल टाल दिया है। बता दें कि, सीबीआई के द्वारा दर्ज इस केस में लालू, राबड़ी, तेजस्वी, तेज प्रताप, मीसा भारती, हेमा यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय होने थे लेकिन किन्ही कारणों से दिल्ली राउज कोर्ट ने ये फैसला 8 दिसंबर तक के लिए टाल दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को आदेश देते हुए कहा है कि, वे आरोपियों की सही ढंग से पुष्टि करें क्योंकि कई आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है, जिनका अब इस केस से कोई लेना देना नहीं है, ऐसे में उनको सजा नहीं दी जा सकती है।

बता दें कि, लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने करीब 103 लोगों के खिलाफ चार्जशीट सबमिट की थी, लेकिन इस केस में अब तक करीब 4 आरोपियों की मौत हो चुकी है। इस केस से पहले 6 दिसंबर को राबड़ी देवी के उस केस में फैसला आ सकता है जिसमें उन्होंने जज विशाल गगोने को केस से ​हटाने की मांग की थी। 

जानें क्या हैं लैंड फॉर जॉब केस?

दरअसल, साल 2004 से 2009 तक लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थी और उसी दौरान लालू यादव ने रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों के बदले लोगों के परिवार के नाम पर जमीनें की थी और उस भर्ती को भी अनुचित तरीके से किया था। इसके बाद लालू विवादों में आ गए थे। सीबीआई ने इस केस में कोर्ट को बताया कि, इस मामले में बड़े लेवल पर भ्रष्ट्राचार हुआ है। सीबीआई ने धारा 

Read More लोकसभा की कार्यवाही फिर शुरू: संसद में शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन विपक्ष का जोरदार हंगामा, पीएम मोदी ने बताया, "गैर-जिम्मेदाराना रवैया"

बता दें कि लालू प्रसाद यादव साल 2004 से 2009 तक UPA सरकार में रेल मंत्री थे. उस दौरान रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले लोगों ने लालू यादव के परिवार के नाम पर जमीनें की थीं और भर्तियां भी अनुचित तरीके से की गईं थीं. साल 2022 में ये मामला सीबीआई और ईडी की जांच में सामने आया था। सीबीआई ने इस मामे में कोर्ट में सबूत, दस्तावेज और गवाहों के बयान आदि शामिल किए ​हैं। ईडी ने इस मामले के बारे में बताया कि, लालू ने राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और अन्य करीबियों के नाम पर जमीनें की थी। CBI ने इस मामले में कोर्ट में तर्क दिया था कि मामले में बड़े लेवल पर भ्रष्टाचार हुआ है और ज्यादातर जमीनों के लिए लेन-देन कैश में हुआ है. CBI ने मामले में धारा 120बी, 420, 468, 467, 471 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया ​था। 

Read More राहुल-सोनिया गांधी की बढ़ने वाली है मुसीबत : नेशनल हेराल्ड जांच में पुलिस ने दर्ज किया नया केस

Post Comment

Comment List

Latest News

अमेरिका में घर में लगी आग : भारतीय छात्रा की मौत, स्नातकोत्तर की कर रही थी पढ़ाई  अमेरिका में घर में लगी आग : भारतीय छात्रा की मौत, स्नातकोत्तर की कर रही थी पढ़ाई 
अल्बानी पुलिस विभाग ने एक बयान में कहा कि उनके कर्मी और अल्बानी दमकल विभाग ने 4 दिसंबर की सुबह...
ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट : हीरालाल नागर ने रखा प्रदेश के एनर्जी सेक्टर के विकास का रोडमैप, कहा- नवीकरणीय एवं सौर ऊर्जा की उपलब्धि है मिसाल
गोवा में क्लब में फटा सिलेंडर : आग लगने से कई लोगों की मौत, मृतक के परिवार को 2 लाख रुपए देने की घोषणा 
वन सेवा के अधिकारी पर फर्जी दिव्यांगता का आरोप : सेवाकाल में सिस्टम का दुरूपयोग, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
नकली दवाईयों का जखीरा पकड़ा : फर्म से 3 करोड़ की दवाईयां जब्त, नहीं लिया लाइसेंस
प्रशांत महासागर में 1,300 मीटर गहराई में मिली सोने-चांदी की खानें : रोबोट ने दुर्लभ और रहस्यमय चीजें ढूंढ़ी, चट्टानों के लिए टुकड़े 
भाजपा ने किए थो बड़े मगरमच्छ पकड़ने के वादे : लोगों को भ्रमित कर के वोट लेना जानते हैं, डोटासरा ने कहा- अब जेल भेजने की दे रहे धमकी