मोदी ने डिजिटल अरेस्ट पर 'मन की बात' कार्यक्रम में जताई चिंता, एक ऑडियो रिकार्डिंग सुनाकर किया सचेत
समाज में सबके प्रयासों से ही हम इस चुनौती का मुकाबला कर सकते हैं
साइबर के नये अपराध द्वारा लोगों को परेशान करने पर चिंता व्यक्त करते हुए एक ऑडियो रिकार्डिंग सुनाई।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल अरेस्ट पर चिंता जताते हुए इससे बचने के लिये तीन चरणों 'रुको, सोचो और कार्रवाई करो' पर अमल करने का आग्रह किया। मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में साइबर के नये अपराध द्वारा लोगों को परेशान करने पर चिंता व्यक्त करते हुए एक ऑडियो रिकार्डिंग सुनाई।
उन्होंने कहा कि ये ऑडियो सिर्फ जानकारी के लिए नहीं है, ये कोई मनोरंजन वाला ऑडियो नहीं है, एक गहरी चिंता को लेकर के ऑडियो आया है। आपने अभी जो बातचीत सुनी, वो डिजिटल अरेस्ट के फरेब की है। यह बातचीत एक पीडि़त और धोखाधड़ी करने वाले के बीच हुई है। डिजिटल अरेस्ट के धोखाधड़ी में फ़ोन करने वाले, कभी पुलिस, कभी सीबीआई, कभी नारकोटिक्स, कभी आरबीआई, ऐसे भांति-भांति के लेबल लगाकर बनावटी अधिकारी बनकर बात करते हैं और बड़े आत्मविश्वास के साथ करते हैं। मुझे 'मन की बात' के बहुत से श्रोताओं ने कहा कि इसकी चर्चा जरूर करनी चाहिए ।''
उन्होंने कहा कि इसके बारे में आपको भी समझना बहुत जरूरी है औरों को भी समझना उतना ही आवश्यक है । पहला दांव - आपकी व्यक्तिगत जानकारी, वो सब जुटा करके रखते हैं ''आप पिछले महीने गोवा गए थे, है ना ? आपकी बेटी दिल्ली में पढ़ती है, है ना'' ? वे आपके बारे में इतनी जानकारी जुटाकर रखते हैं कि आप दंग रह जाएंगे ।
दूसरा दांव - भय का माहौल पैदा करो, वर्दी, सरकारी दफ्तर का सेटअप, कानूनी धाराएं, वो आपको इतना डरा देंगे फ़ोन पर बातों- बातों में आप सोच भी नहीं पाएंगे । और फिर उनका तीसरा दांव, शुरू होता है, तीसरा दांव - समय का दबाव, 'अभी फैसला करना होगा वर्ना आपको गिरफ्तार करना पड़ेगा'', - ये लोग पीडि़त पर इतना मनोवैज्ञानिक दवाब बना देते हैं कि वो सहम जाता है । डिजिटल अरेस्ट के शिकार होने वालों में हर वर्ग, हर उम्र के लोग हैं । लोगों ने डर की वजह से अपनी मेहनत से कमाए हुए लाखों रुपए गवां दिए हैं ।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी भी आपको इस तरह का कोई फ़ोन आए तो आपको डरना नहीं है । आप को पता होना चाहिए कोई भी जांच एजेंसी, फ़ोन या वीडियो कॉल पर इस तरह पूछताछ कभी भी नहीं करती । मैं आपको डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण बताता हूँ । ये तीन चरण हैं - 'रुको-सोचो-एक्शन लो'।
फ़ोन आते ही, 'रुको' - घबराएं नहीं, शांत रहें, जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं, किसी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें, संभव हो तो स्क्रीनशॉट लें और रिकॉर्डिंग जरूर करें । इसके बाद आता है, दूसरा चरण, पहला चरण था 'रुको', दूसरा चरण है 'सोचो'। कोई भी सरकारी एजेंसी फ़ोन पर ऐसे धमकी नहीं देती, न ही वीडियो कॉल पर पूछताछ करती है, न ही ऐसे पैसे की मांग करती है- अगर डर लगे तो समझिए कुछ गड़बड़ है । और पहला चरण, दूसरा चरण और अब मैं कहता हूँ तीसरा चरण।
पहले चरण में मैंने कहा- 'रुको', दूसरे चरण में मैंने कहा- 'सोचो', और तीसरा चरण कहता हूँ - 'एक्शन लो' । राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल करें, साइबरक्राइम डॉट गोव डॉट इन पर रिपोर्ट करें, परिवार और पुलिस को सूचित करें, सबूत सुरक्षित रखें । 'रुको', बाद में 'सोचो', और फिर 'एक्शन' लो, ये तीन चरण आपकी डिजिटल सुरक्षा का रक्षक बनेंगे।''
उन्होंने कहा ''डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है, ये सिर्फ धोखाधड़ी है, फरेब है, झूठ है, बदमाशों का गिरोह है और जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वो समाज के दुश्मन हैं । डिजिटल अरेस्ट के नाम पर जो फरेब चल रहा है, उससे निपटने के लिए तमाम जांच एजेंसियाँ, राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं । इन एजेंसियों में तालमेल बनाने के लिए राष्ट्रीय साइबर कॉर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की गई है । एजेंसियाँ अपना काम कर रही हैं, लेकिन डिजिटल अरेस्ट के नाम पर हो रही धोखाधड़ी से बचने के लिए बहुत जरूरी है - हर किसी की जागरूकता, हर नागरिक की जागरूकता । जो लोग भी इस तरह के धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, उन्हें ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को इसके बारे में बताना चाहिए । आप जागरूकता के लिए हैशटैगसेफ़डिजिटलइंडिया का प्रयोग कर सकते हैं । मैं स्कूलों और कॉलेजों को भी कहूँगा कि साइबर अपराध के खिलाफ मुहिम में छात्रों को भी जोड़ें । समाज में सबके प्रयासों से ही हम इस चुनौती का मुकाबला कर सकते हैं ।''
एनिमेशन की दुनिया में भारत नई क्रांति करने की राह पर: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत के एनिमेशन से तैयार सामग्री दुनिया भर में पसंद की जा रही है और एनिमेशन की दुनिया में भारत नई क्रांति करने की राह पर है। मोदी ने कहा कि आपको वह दिन जरूर याद होंगे जब 'छोटा भीम' टीवी पर आना शुरू हुआ था। बच्चे तो इसे कभी भूल नहीं सकते, कितना उत्साह था 'छोटा भीम' को लेकर । आपको हैरानी होगी कि आज 'ढोलकपुर का ढोल', सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देश के बच्चों को भी खूब आकर्षित करता है। इसी तरह, हमारे दूसरे एनिमेटेड सीरियल, 'कृष्णा', 'हनुमान', 'मोटू-पतलू' के चाहने वाले भी दुनियाभर में हैं । भारत के एनिमेशन विशेषत: यहाँ की एनिमेशन फिल्में, अपनी सामग्री और रचनात्मकता की वजह से दुनिया-भर में पसंद की जा रही हैं। आपने देखा होगा कि फोन से लेकर सिनेमा के पर्दे तक एनिमेशन हर जगह मौजूद है।''
उन्होंने कहा कि एनिमेशन की दुनिया में भारत नई क्रांति करने की राह पर है। भारत के गेमिंग स्पेस का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। भारतीय खेल भी इन दिनों दुनिया-भर में लोकप्रिय हो रहे हैं । कुछ महीने पहले मैंने भारत के अग्रणी खिलाड़यिों के साथ मुलाकात की थी, तब मुझे, भारतीय खेल की अदभुत रचनात्मकता और गुणवत्ता को जानने-समझने का मौका मिला था। वाकई, देश में रचनात्मक ऊर्जा की एक लहर चल रही है । एनिमेशन की दुनिया में 'मेड इन इंडिया ' और 'मेड बाइ इंडियंस' छाया हुआ है । आपको ये जानकर खुशी होगी कि आज भारत के प्रतिभा, विदेशी उत्पादों का भी अहम हिस्सा बन रहे हैं । अभी वाली स्पाइडर मैन हो या ट्रांस्फोर्मर, इन दोनों सिनेमा में हरिनारायण राजीव के योगदान को लोगों ने खूब सराहा है। ''
उन्होंने कहा आज हमारे युवा भारतीय मूल सामग्री, जिसमें हमारी संस्कृति की झलक होती है, तैयार कर रहे हैं । इन्हें दुनिया-भर में देखा जा रहा है । एनिमेशन क्षेत्र आज एक ऐसे उद्योग का रूप ले चुका है कि जो दूसरे उद्योगों को ताकत दे रहा है, जैसे, इन दिनों वीआर टूरिज्म बहुत मशहूर हो रहा है। आप वर्चुअल टूर के माध्यम से अजंता की गुफाओं को देख सकते हैं, कोणार्क मंदिर के गलियारे में टहल सकते हैं, या फिर, वाराणसी के घाटों का आनंद ले सकते हैं । ये सभी वीआर एनिमेशन भारत के रचनाकारों ने तैयार किए हैं ।
उन्होंने कहा कि मैं भारत के युवाओं से कहूँगा - अपनी रचनत्मकता को विस्तार दें । क्या पता दुनिया का अगला सर्वश्रेष्ठ एनिमेशन आपके कंप्यूटर से निकले ! अगला वायरल खेल आपकी रचना हो सकता है! इसी 28 अक्टूबर को यानि कल 'विश्व एनिमेशन दिवस' भी मनाया जाएगा । आइए, हम भारत को वैश्विक एनिमेशन पावर हाउस बनाने का संकल्प लें ।
फिट इंडिया जनांदोलन बन गया है: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता की सराहना करते हुए कहा कि फिट इंडिया अब जनांदोलन बन गया है। मोदी ने 'मन की बात' की 115वीं कड़ी में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश के बड़े हिस्से में ठंड का मौसम शुरू हो गया है, लेकिन फिटनेस का जुनून, फिट इंडिया की भावना पर मौसम से फर्क नहीं पड़ता । जिसे फिट रहने की आदत होती है, वह सर्दी, गर्मी, बरसात कुछ भी नहीं देखता है।
उन्होंने कहा कि भारत में अब लोग फिटनेस को लेकर बहुत ज्यादा जागरूक हो रहे हैं। पार्कों में लोगों की संख्या बढ़ रही है । पार्क में टहलते बुजुर्गों, नौजवानों, और योग करते परिवारों को देखा जा सकता है। उन्होंने जम्मू कश्मीर के नगर में योग दिवस समारोह का उल्लेख करते हुए कहा कि नगर मैराथन में भी फिट रहने का उत्साह दिखाई दिया । उन्होंने कहा कि फिट इंडिया की यह भावना अब एक जनांदोलन बन रही है ।
मोदी ने कहा कि स्कूल में बच्चों की फिटनेस पर अब और ज्यादा ध्यान दिया जा रहा हैं। फिट इंडिया स्कूल आवर्स भी एक अनोखी पहल है। स्कूल अपने पहले घंटे का इस्तेमाल अलग-अलग फिटनेस गतिविधियों के लिए कर रहे हैं । अनेक स्कूलों में एक दिन बच्चों को योग, एयरोबिक्स , खेल - खो-खो और कबड्डी जैसे पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जा रहा है। इसका लाभ भी हो रहा है और परिवार भी फिटनेस का महत्व समझ रहे हैं।
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