थाईलैंड में नया शराब नियंत्रण कानून लागू, निर्धारित समय के बाद शराब पीने पर जुर्माना
पर्यटन एवं नाइटलाइफ को नुकसान पहुंचने की आशंका
थाईलैंड में 8 नवंबर से नया शराब नियंत्रण कानून लागू हो गया है, जिसके तहत निर्धारित समय के बाद शराब पीने पर 10,000 बाट तक जुर्माना होगा। पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र ने इसे लेकर चिंता जताई है, क्योंकि इससे नाइटलाइफ और आर्थिक सुधार प्रभावित हो सकते हैं। विदेशी पर्यटकों ने भी कानून को प्रतिबंधात्मक बताया है।
बैंकाक। थाईलैंड में नया शराब नियंत्रण कानून आठ नवंबर से प्रभावी हो गया, जिसमें निर्धारित समय-सीमा के बाद शराब पीने वालों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इससे पर्यटन एवं नाइटलाइफ को नुकसान पहुंचने की आशंका है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि थाईलैंड के पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र ने अल्कोहल नियंत्रण अधिनियम (संख्या दो) बी.ई. 2568 पर चिंता व्यक्त की है, जिसमें कानूनी रूप से बिक्री के बाद तय समय के अतिरिक्त शराब पीने पर दंड का प्रावधान है। शराब की खपत पर कड़ा नियंत्रण रखने के उद्देश्य से बनाए गए इस कानून से जनता एवं पर्यटन उद्योग में व्यापक चिंता उत्पन्न हो गई है। नयी व्यवस्था के अंतर्गत, समय-सीमा का उल्लंघन करने पर सिफर्Þ विक्रेताओं को ही नहीं बल्कि उपभोक्ताओं को भी दंड का सामना करना पड़ सकता है।
सुबह 11:00-14:00 और शाम 6:00-24:00 के बाद रेस्टोरेंट में बैठकर शराब पीने पर 10,000 बाट तक का जुर्माना लग सकता है। इस कदम की स्थानीय एवं विदेशी मीडिया दोनों ने आलोचना की है और थाईलैंड आने वाले पर्यटकों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी है। यह घोषणा तुरंत ऑनलाइन वायरल हो गई जिसे अंतरराष्ट्रीय लोगों और व्यापारिक समुदाय की ओर से तीखी नकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई। देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों के मनोरंजन एवं रेस्टोरेंट व्यवसायों ने भी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि यह कानून थाईलैंड में महामारी के बाद की आर्थिक सुधार प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकता है। कई लोगों का कहना है कि जो ग्राहक निर्धारित समय से पहले शराब खरीदते हैं और समय सीमा के कुछ मिनट बाद तक उसे पीते हैं उन्हें भी जुर्माना देना पड़ सकता है। उद्योग प्रतिनिधियों को डर सता रहा है कि नए नियम से थाईलैंड के त्यौहारी मौसम पर असर पड़ सकता है और पर्यटन की गति धीमी हो सकती है। विदेशी पर्यटकों ने सोशल मीडिया और समाचार टिप्पणियों में इस कानून की आलोचना की है तथा इसे अनुचित एवं प्रतिबंधात्मक कहा है।

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