ग्लोबल हो चुका है अब रोशनी का पर्व दीपावली
नि:संदेह इस 21वीं सदी में दुनिया एक ग्लोबल विलेज में तब्दील हो चुकी है। हालांकि अपनी सांस्कृतिक मान्यताओं, रीति-रिवाजों और धार्मिक विश्वासों को लेकर दुनिया अभी भी उतनी लचीली नहीं है।
दीपावली में उस तरह के धार्मिक तत्व नहीं हैं जो इसकी खुशी या उल्लास बांटने वालों को एक खास विश्वास या मान्यताओं में बांधते हों। यही कारण है कि जहां जहां हिंदुओं की संख्या थोड़ी ज्यादा है, वहां तो यह धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व के रूप में मनाया ही जाता है। जहां हिंदुओं की संख्या ज्यादा नहीं है, वहां भी इसको खुशी खुशी मनाते हैं। नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, बाली द्वीप, थाइलैंड, फिजी, मलेशिया में हिंदुओं की संख्या ठीक ठाक हैं इसलिए यहां तो दीपावली को वैसे ही आस्था और धार्मिक मान्यताओं के तहत मनाया जाता है जैसे हिंदुस्तान में। अमरीका के करीब 12 प्रांतों में वहां दीपावली एक मॉडर्न फेस्टिवल के तौरपर मनायी जाती है।
नेपाल
दीपावली का पर्व यहां कुछ हिस्से में भारत जैसा मनाया जाता है। नेपाल में रोशनी के पर्व दिवाली को स्वान्ति कहा जाता है। नेपाल में भी 5 दिनों तक दिवाली मनायी जाती है। पहले दिन यहां कौओं और दूसरे दिन कुत्तों को दिवाली की खुशी में खाना खिलाने का रिवाज है। नेपाल में लोग मानते हैं कि कौओं और कुत्तों को खिलाया गया भोजन उनके मर चुके पूर्वजों को मिलता है। तीसरे दिन भारत की तरह मां लक्ष्मी की पूजा होती है और चौथा दिन नये साल के रूप में मनाया जाता है, जबकि पांचवां दिन भाई दूज की तरह ही यहां पर भाई टीका करने का रिवाज है, जो एक तरह से भाई दूज ही है।
मलेशिया और सिंगापुर
मलेशिया की दिवाली थोड़ी भिन्न होती है। मलेशिया में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिरों और पैगोडावों में दिवाली वाले दिन दीये जलाये जाते हैं तथा नदियों में फूलों के साथ जलाकर दीये बहाये जाते हैं। सिंगापुर में दिवाली की सरकारी छुट्टी होती है यहां रामायण की तमाम कहानियों का मंचन होता है साथ ही दूसरे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। फिजी में दिवाली पर सार्वजनिक अवकाश होता है। सरकारी इमारतों में दीये जलाये जाते हैं और भारत की तरह ही लोग देर शाम अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं। फिजी एक द्वीप देश है, जो न्यूजीलैंड से 1100 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है।
मॉरीशस
दीपावली पर सरकारी छुट्टी होती है, यहां भी लोग अपने घरों से लेकर सार्वजनिक जगहों तक में दीये जलाते हैं। श्रीलंका जहां के राजा रावण का राम ने वध किया था, वहां भी रोशनी का पर्व दिवाली खूब धूमधाम से मनाया जाता है। यहां विशेष रूप से हिंदू तमिल समुदाय दिवाली मनाता है और भारत की तरह ही यहां खूब आतिशबाजी भी होती है। हमारी तरह ही यहां भी तेल से दीये जलाये जाते हैं। मोमबत्तियां और इलेक्ट्रॉनिक बल्ब पर श्रीलंका में सख्ती से मनाही होती है। यहां पांच दिनों तक हिंदू दिवाली का जश्न मनाते हैं,आपस में मिठाईयों के बांटने का भी चलन है। हिंदुओं के साथ बड़ी संख्या में सिंघली भी दिवाली मनाते हैं, क्योंकि माना जाता है कि भगवान बुद्ध भी दिवाली मनाते थे।
इंडोनेशिया और मलेशिया जहां बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी है, वहां भी यह त्यौहार खूब मनाया जाता है। इंडोनेशिया के बाली द्वीप में तो रोशनी का यह पर्व एक पखवाड़े तक हर्ष और उल्लास का जरिया होता है। बाली द्वीप में लोग भारत की तरह ही पटाखे फोड़ते हैं। गैसे के गुब्बारों में दीये रखकर उन्हें आसमान में उड़ाते हैं,इसी तरह लालटेन भी जलाकर आसमान में उड़ाते हैं। इंडोनेशिया में भी दिवाली के समय रामलीलाओं का मंचन होता है। लेकिन यूरोप में जहां हाल के दशकों में बड़े पैमाने पर भारतीय युवा गये हैं, वहां ये लोग दिवाली को क्रिसमस जैसे मनाते हैं।
अमेरिका
यहां 12 राज्यों में दीपावली का पर्व मनाया जाता है और कैलीफोर्निया में इसके लिए सार्वजनिक अवकाश भी रहता है। न्यूयार्क के स्कूलों में रोशनी करके तथा बच्चों में मिठाई बांटकर दीपावली मनायी जाती है। अमरीका के राष्ट्रपति भवन में जो भी सरकारी पर्व सेलिब्रेट किए जाते हैं, उनमें दिवाली भी शामिल है।

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