तुर्की के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन से पाकिस्तान ने भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को परखा
अफ्रीका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश शामिल हैं
हमारी वायु रक्षा प्रणाली को परखना और खुफिया जानकारी जुटाना था। इसका मतलब है कि पाकिस्तान देखना चाहता था कि हमारी सेना कैसे काम करती है और हमारी ताकत क्या है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान ने 8-9 मई,2025 लेह से लेकर सर क्रीक तक 36 जगहों पर 300 से 400 ड्रोन भेजे। उनका मकसद हमारी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था। शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफ्रिंग कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि भारतीय सेना ने कई ड्रोन को मार गिराया। हमने काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक दोनों तरीकों का इस्तेमाल किया। इतनी बड़ी संख्या में ड्रोन भेजने का मकसद शायद हमारी वायु रक्षा प्रणाली को परखना और खुफिया जानकारी जुटाना था। इसका मतलब है कि पाकिस्तान देखना चाहता था कि हमारी सेना कैसे काम करती है और हमारी ताकत क्या है।
तुर्की 2020 से कर रहा सोंगर ड्रोन का इस्तेमाल
शुरूआती रिपोर्ट से पता चला है कि ये तुर्की के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन हैं। यानी, ये ड्रोन तुर्की में बने हैं और उनका नाम सोंगर है। असिसगार्ड सोंगर तुर्की का पहला ऐसा ड्रोन सिस्टम है, जिसे वहीं बनाया गया है। यह ड्रोन जमीन पर मौजूद सैनिकों को ताकत और जानकारी देने के लिए बनाया गया है। इसे अंकारा की एक कंपनी असिसगार्ड ने बनाया है। तुर्की की सेना 2020 से इसका इस्तेमाल कर रही है। इसे दूसरे देशों को भी बेचा गया है, जिसमें अफ्रीका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश शामिल हैं।

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