एचपीएससी असिस्टेंट प्रोफेसर परिणाम पर हंगामा, सांसद सैलजा ने की पारदर्शी जांच की मांग
हरियाणा HPSC असिस्टेंट प्रोफेसर (इंग्लिश) परीक्षा में 2200 में से सिर्फ 151 अभ्यर्थी पास
हरियाणा HPSC असिस्टेंट प्रोफेसर (इंग्लिश) परीक्षा में 2200 में से सिर्फ 151 अभ्यर्थी पास हुए, जिससे 613 पदों में 75% खाली रह गए। उच्च योग्य उम्मीदवारों के फेल होने से पेपर कठिनाई व मूल्यांकन पर सवाल उठे। आरक्षण श्रेणी में चयन बेहद कम होने पर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर विवाद बढ़ गया।
चंडीगढ़। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (एचपीएससी) द्वारा कॉलेज कैडर असिस्टेंट प्रोफेसर (इंग्लिश) भर्ती की सब्जेक्टिव नॉलेज परीक्षा के परिणामों ने पूरे राज्य में विवाद खड़ा कर दिया है। इस परीक्षा में 2200 अभ्यर्थियों में से केवल 151 उम्मीदवार ही न्यूनतम 35 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पाए, जिसके कारण 613 स्वीकृत पदों में से लगभग 75 प्रतिशत पद खाली रह गए हैं।
इस स्थिति ने परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता और मूल्यांकन प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि इस मुद्दे को वह संसद में उाएंगी और तब तक प्रयास जारी रखेंगी, जब तक पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और न्यायसंगत ढंग से समीक्षा के लिए न भेजी जाए। उन्होंने कहा कि असफल अभ्यर्थियों में बड़ी संख्या यूजीसी-नेट-जेआरएफ योग्य युवाओं, पीएचडी धारकों और गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों की है।
इतने उच्च शिक्षित अभ्यर्थियों का असफल होना प्रश्नपत्र की कठिनाई, मूल्यांकन मानदंड और पारदर्शिता को लेकर गंभीर संदेह पैदा करता है। इसके साथ ही अनारक्षित श्रेणी में चयनित लगभग 130 उम्मीदवारों में से 100 से अधिक का अन्य राज्यों से होना तथा एससी और ओबीसी के 300 से अधिक आरक्षित पदों के मुकाबले केवल 21 अभ्यर्थियों का चयन होना आरक्षण नीति के पालन पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।

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