लेटरल एंट्री को लेकर राहुल गांधी ने किया मोदी पर हमला, सरकार की आरक्षण खत्म करने की साजिश
लेटरल एंट्री का प्रावधान संविधान पर हमला क्यों है
गांधी ने कहा कि लेटरल एंट्री दलित, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। भाजपा का राम राज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करना और बहुजनों से आरक्षण छीनना चाहता है।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा विपक्ष के नेता एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लेटरल एंट्री को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि ऐसा कर वह आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है। खड़गे ने कहा कि सरकार के लेटरल एंट्री का प्रावधान संविधान पर हमला क्यों है। सरकारी महकमों में नौकरियाँ भरने के बजाय, पिछले 10 वर्षों में अकेले पीएसयू में ही भारत सरकार के हिस्सों को बेच-बेच कर 5.1 लाख पद भाजपा ने खत्म कर दिए है। कैजुअल एवं कॉन्ट्रेक्ट भर्ती में 91 प्रतिशत का इजाफ़ा हुआ है। एससी, एसटी तथा ओबेसी के 2022- 23 तक 1.3 लाख पद कम हुए है।
उन्होंने कहा कि हम लेटरल एंट्री गिने-चुने स्पेशलिस्ट और विशेषज्ञ को कुछ क्षेत्रों विशेष पदों में उनकी उपयोगिता के अनुसार नियुक्त करने के लिए लाए थे, पर मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री का प्रावधान सरकार में विशेषज्ञ नियुक्त करने के लिए नहीं, बल्कि दलित, आदिवासी व पिछड़े वर्गों का अधिकार छीनने के लिए किया है। एससी, एसटी, ओबीसी, ईएसडब्ल्यू के पद अब आरएसएस के लोगों को मिलेंगे। ये आरक्षण छीनकर संविधान को बदलने का भाजपाई चक्रव्यूह है। गांधी ने कहा कि लेटरल एंट्री दलित, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। भाजपा का राम राज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करना और बहुजनों से आरक्षण छीनना चाहता है।
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