ट्यूनीशिया, एकमात्र ऐसा अरब देश, जो मुस्लिम महिलाओं को गैर-मुसलमानों से शादी की देता है इजाजत
2017 से पहले ट्यूनीशिया में नहीं थी छूट
प्रेम, एक ऐसा रिश्ता जिसके लिए लोग सरहद तक पार कर जाते हैं। अपने प्यार को पाने के लिए लोग अपनों तक से लड़ जाते हैं, लेकिन कुछ देश के कानून ऐसे होते हैं, जो इसमें दीवार बन जाते हैं।
नई दिल्ली। प्रेम, एक ऐसा रिश्ता जिसके लिए लोग सरहद तक पार कर जाते हैं। अपने प्यार को पाने के लिए लोग अपनों तक से लड़ जाते हैं, लेकिन कुछ देश के कानून ऐसे होते हैं, जो इसमें दीवार बन जाते हैं। प्यार कभी मजहब नहीं देखता है, लेकिन कई जगहों पर खासकर मुस्लिम देशों में गैर-मुस्लिम धर्मों में शादी प्रतिबंधित है। खासकर अरब देशों में शादियों को लेकर काफी सख्त कानून हैं, लेकिन इन्हीं खाड़ी देशों में एक देश है ट्यूनीशिया, जहां गैर-मुस्लिम धर्मों में भी शादी की इजाजत है। ट्यूनीशिया एकमात्र अरब देश है, जो दूसरे धर्मों में शादी को मान्यता देता है और इस पर प्रतिबंध नहीं लगाता है। अभी हाल ही में पाकिस्तान की एक महिला सीमा हैदर भारत के रहने वाले सचिन के प्रेम में सरहद पार कर हिंदुस्तान आई हैं, जबकि पाकिस्तान एक हिंदू पुरुष से सीमा हैदर को शादी की इजाजत नहीं देता है। अब ऐसे में ट्यूनीशिया का उदाहरण देखा जा सकता है।
क्या कहता है ट्यूनीशिया का कानून?
अरब देशों की लिस्ट में ट्यूनीशिया एकमात्र ऐसा देश है, जहां मुस्लिम लड़कियों को अन्य धर्मों में शादी करने की छूट मिली है। हालांकि, पहले ट्यूनीशिया में ऐसा नहीं था। 2017 से पहले ट्यूनीशिया भी अन्य देशों की तरह था, जहां दूसरे धर्मों में शादी करने की छूट नहीं थी।
कब बदला गया कानून?
ट्यूनीशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति बेजी केड एसेब्सी ने पहले के कानून को खत्म कर दिया और 2017 में देश में नया कानून लागू किया। नए कानून के तहत ट्यूनीशिया में कोई भी मुस्लिम युवती किसी भी धर्म में शादी कर सकती है उसे ये आजादी दी गई, जबकि पहले ऐसा नहीं था।
क्या था पुराना कानून?
ट्यूनीशिया में 2017 से पहले पुराने कानून लागू थे, जो वर्ष 1973 में बना था। पुराने कानून के तहत कहा गया था कि कोई मुस्लिम युवती अगर किसी अन्य धर्म के युवक से शादी करना चाहती है तो उस युवक को इस्लाम धर्म अपनाना पड़ेगा। तभी शादी हो पाएगी। दरअसल, ट्यूनीशिया में पुराने कानून के तहत कोई युवक जब मुस्लिम युवती से शादी करने के लिए अपना धर्म बदलकर इस्लाम अपनाता था, तब भी उसे नटोरी या इमाम द्वारा परेशान किया जाता था। इन सभी मुद्दों पर सरकार ने विचार करते हुए ट्यूनीशिया में ये नया कानून लागू कर दिया।
Comment List