केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने की उपराष्ट्रपति धनखड़ से मुलाकात : झुंझुनूं, सीकर और चूरू को जल्द मिलेगा यमुना का पानी

यमुना जल समझौते की डीपीआर के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति शीघ्र

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने की उपराष्ट्रपति धनखड़ से मुलाकात : झुंझुनूं, सीकर और चूरू को जल्द मिलेगा यमुना का पानी

हाल की गतिविधियों को देखते हुए यमुना जल समझौते के जमीनी स्तर पर कार्यान्वन के आसार प्रबल हो गए हैं।

नई दिल्ली। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और राजस्थान के झुंझुनू सहित सीकर और चूरु जैसे क्षेत्रों में जलापूर्ति की समस्या के विषय में चर्चा की। सूत्रों की माने तो यमुना जल समझौते के कार्यान्यवन के लिए राजस्थान और हरियाणा सरकार द्वारा गठित टास्क फॉर्स की पहली सयुंक्त बैठक 7 अप्रैल 2025 और दूसरी सयुंक्त बैठक 25 अप्रैल  2025 को संपन्न हुई है एवं डीपीआर तैयार करने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति शीघ्र की जाएगी। ज्ञात रहे की झुंझुनू उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का गृह क्षेत्र है और इस क्षेत्र की सभी समस्यों के निवारण और विशेषकर किसानों की कृषि सम्बन्धी समस्याओं के निवारण के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सदैव प्रयासरत रहे है। हाल ही में किसानों द्वारा यमुना जल लाने के लिए चिड़ावा के लालचौक पर धरना प्रदर्शन किया जाता रहा है। यह ऐतिहासिक परियोजना विशेष रूप से झुंझुनूं सहित सीकर और चुरू जिलों के जलाभाव से जूझ रहे क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। हाल की गतिविधियों को देखते हुए यमुना जल समझौते के जमीनी स्तर पर कार्यान्वन के आसार प्रबल हो गए हैं।

उपराष्ट्रपति धनखड़ द्वारा लंबे समय से इस क्षेत्र के जल संकट के स्थाई समाधान के लिए प्रयासरत रहे हैं और उनके प्रयासों से इस परियोजना को जमीनी आकर देने में काफी बल मिला है। गौरतलब है कि वर्ष 1994 में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के बीच हुए समझौते के अनुसार यमुना नदी के कुल 11,983 एमसीएम जल का आवंटन किया गया था, जिसमें राजस्थान राज्य को वार्षिक 1119 एमसीएम जल आवंटित किया गया था।  समझौते के अनुसरण में यमुना अपर यमुना रिवर बोर्ड की 22वीं बैठक वर्ष 2001 में हथिनी कुंड बैराज (ताजेवाला हेड) पर आयोजित की गई थी, जिसमें मानसून अवधि में 1917 क्यूसेक (वार्षिक 577 एमसीएम) जल राजस्थान को आवंटित करने का निर्णय लिया गया था।

यमुना जल समझौते के अंतर्गत हथिनी कुंड बैराज से जल लाने के लिए आवश्यक परिवहन संरचना उपलब्ध न होने के कारण, राजस्थान राज्य वर्ष 1994 से ही अपने हिस्से का जल प्राप्त नहीं कर सका है। फरवरी 2025 में राजस्थान में पेयजल एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए  राजस्थान, हरियाणा सरकार और जल शक्ति मंत्रालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए और हथिनीकुंड बैराज से भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से जल को राजस्थान लाने के लिए संयुक्त डीपीआर बनाने पर सहमति बनी। 

इसी कड़ी में हरियाणा एवं राजस्थान की टास्क फोर्स की पहली संयुक्त बैठक दिनांक 7 अप्रैल 2025 को यमुनानगर, हरियाणा में आयोजित हुई, जिसमें अलाईनमेंट के क्रम में वास्तविक धरातलीय परीक्षण किए जाने पर प्राथमिक चर्चा हुई। दोनों राज्यों की टास्क फोर्स की दूसरी संयुक्त बैठक दिनांक 25 अप्रैल 2025 को पलवल में आयोजित की गई।

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