नकली पुलिस चढ़ी असली पुलिस के हत्थे
लोगों के गहने उतरवाकर चम्पत होने वाले गिरोह का मास्टर माइंड गिरफ्तार
अजमेर फिर वारदात की फिराक में आया था, पुलिस ने दबोचा, अन्य बदमाशों की सरगर्मी से तलाश
अजमेर। पिछले दिनों शहर के अलवर गेट, रामगंज, कोतवाली और क्रिश्चियनगंज थाना क्षेत्र के चार अलग-अलग स्थानों पर राह चलते लोगों को मात्र पौन घंटे के अन्दर पुलिस चैकिंग का झांसा देकर गहने उतरवाकर चम्पत होने वाली ईरानी गैंग के मास्टर माइंड को आखिरकार कोतवाली थाना पुलिस ने दबोच लिया है। उससे पुलिस गहने बरामद करने का प्रयास कर रही है। उसने अन्य कई जगह इस तरह की वारदात करना कबूल किया है।
सीओ अजमेर (उत्तर) भोपाल सिंह भाटी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित सत्तार पान वाले की गली महावीर कॉलोनी, बून्दी हाल शिव चौक साजी देहड़ा, कोटा निवासी हसन अली (27) पुत्र यासीन अली उर्फ कुर्बान अली है। आरोपित शातिर बदमाश है। उसके पास मिली आईडी के संबंध में भी पुलिस तस्दीक करा रही है। उसे पुलिस रविवार को अदालत में पेश कर रिमाण्ड पर लेगी। उससे बड़े खुलासे की उम्मीद है।
यहां की थी वारदातें
सीओ भाटी ने बताया कि 20 सितम्बर 2023 को ईरानी गैंग के मास्टर माइण्ड हसन अली ने अपने साथियों की मदद से अजमेर शहर में एकसाथ चार वारदातों को अंजाम दिया। जिनमें जीपीओ के सामने फॉयसागर रोड कीर्ति नगर निवासी घनश्याम दास (65) को रोका था। उस वक्त वह डिग्गी बाजार खारीकुई अपनी दुकान जा रहे थे। उन्हें पुलिस चैकिंग का झांसा देकर सोने की चेन व अंगूठी खुलवा ली और हाथ की सफाई दिखाकर दूसरा लिफाफा पकड़ाकर चम्पत हो गए। बाद में खोलने पर उसमें कंकड़ निकले। जिस पर उनके परिजन हरिश वाधवानी की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके अलावा दूसरी वारदात बिहारीगंज निवासी रमाकान्त मिश्रा व उनकी पत्नी प्रभा मिश्रा के साथ रेलवे अस्पताल के पीछे पांच बंगला रोड, जौंसगंज में हुई। उनसे सोने की चूड़ियां खुलवाकर ले गए। तीसरी वारदात धोलाभाटा क्षेत्र में लीलाशाह कॉलोनी धोलाभाटा निवासी लता चोटरानी (60) पत्नी धनराज चौटरानी के साथ हुई। वह घर के निकट ही सब्जी खरीदने के लिए गई थी। उन्हें भी इसी तरह झांसा दे सोने की चेन मय पेण्डिल सहित उतरवाकर ले गए थे। इसी तरह चौथी वारदात बदमाशों ने सावित्री स्कूल चौराहे के निकट बसन्त विहार कॉलोनी निवासी अराध्य खण्डेलवाल (23) पुत्र मनीष खण्डेलवाल के साथ घर के निकट ही अंजाम दी थी। उससे सोने की चेन व अंगूठी उतरवाकर ले गए थे।
तकनीकी अनुसंधान से पकड़ा
एक ही दिन में ताबड़तोड़ वारदातों के बाद एसपी चूनाराम जाट ने कोतवाली थानाप्रभारी विरेन्द्र सिंह को टीम बनाकर आरोपियों को दबोचने के निर्देश दिए। टीम ने घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चैक किए। जिनमें आरोपी नजर आ गए और यह स्पष्ट हो गया था कि चारों वारदात एक ही गिरोह ने की है। साथ ही वारदात के बाद आरोपी बाइक पर जयपुर चले गए हैं। बदमाशों ने उससे पूर्व कोटा में भी वारदात की थी। ऐसे में पुलिस टीम ने आरोपियों को ट्रेस करना शुरू किया। इसमें साइबर सैल व डीएसटी का भी सहयोग लिया गया। आज आरोपी फिर वारदात अंजाम देने अजमेर आया। जब वह गांधी भवन चौराहे के निकट घूम रहा था तो उसकी लोकेशन ट्रेस हो गई। पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया।
वारदात-ए-तरीका
आरोपी ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह बाइक पर अलग-अलग शहरों में जाते हैं। कुछ जगह बस का भी उपयोग करते हैं। लेकिन बस कुछ दूरी पर बदल लेते हैं। उसने बताया कि वह व्यस्ततम मार्ग पर भी ऐसे बुजुर्गों को शिकार बनाते हैं। पुलिसकर्मी बनकर उन्हें आगे बड़ी वारदात या विशेष चैकिंग होने या लूटपाट होने का डर दिखाते हैं और गहने उतार कर सुरक्षित घर ले जाने की सलाह देते हैं। गहने उतारने के दौरान उसे कागज/रूमाल/लिफाफे में रखने की सलाह देते हैं और उसी समय हाथ की सफाई दिखाकर उसे बदल देते हैं। वारदात करते ही चम्पत हो जाते हैं। एक शहर में लगातार दो-तीन वारदात कर दूसरे शहर में चले जाते हैं। वारदात के समय मोबाइल का उपयोग नहीं करते हैं। साथ ही गिरोह के लोग अलग-अलग हो जाते हैं ताकि कोई ट्रेस नहीं कर पाए।
ईरानी गैंग के सदस्य
इस तरह की वारदात महाराष्टÑ की ईरानी गैंग द्वारा की जाती है। वह ऐसा करने में माहिर होती है। वर्तमान में ईरानी गैंग के ही सदस्य अलग-अलग शहरों में गिरोह के रूप में रहने लगे हैं, जो वारदातों को अंजाम देते हैं।
कई वारदातें कबूलीं
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपित ने गिरोह के साथ 1 सितम्बर को कोटा में तीन वारदात की थीं। अजमेर में वारदातों के बाद 21 सितम्बर को कोटा में 2 वारदातें की थीं। इसके अलावा किशनगढ़, ब्यावर, हिण्डोन, गंगापुर सिटी, कोटा, बून्दी, झालावाड़ व उत्तरप्रदेश के गिराल, मैनपुरी, बांदा व विलासपुर, जावरा (मप्र) में कई वारदातें करना स्वीकार किया है।
जेल से छूटते ही वारदात
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी वर्ष 2019 में भी इसी तरह की वारदात में पकड़ा गया था। उसे जेल भी जाना पड़ा था। वर्ष 2020 में उसे जमानत मिलने के बाद वापस इसी तरह की वारदातें करने लगा।
ये है पुलिस टीम
आरोपित को दबोचने के लिए बनाई गई टीम में कोतवाली थानाप्रभारी एसआई विरेन्द्र सिंह (विशेष योगदान), एएसआई मनीराम, कांस्टेबल मोतीराम (विशेष योगदान), सोनवीर, ओमप्रकाश, बंशीलाल एवं साइबर सैल एएसआई भगवान सिंह (विशेष योगदान), रणवीर सिंह (विशेष योगदान), कांस्टेबल राजकुमार, और डीएसटी के एएसआई शंकर सिंह मय टीम को शामिल किया गया था।

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