आईपीएस सुशील कुमार और एडीए कमिश्नर गिरधर सस्पेंड
कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश
अजमेर-जयपुर राजमार्ग पर गेगल थाना क्षेत्र में गगवाना स्थित होटल मकराना राज के कार्मिकों के साथ एक आईपीएस और कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया।
अजमेर। अजमेर-जयपुर राजमार्ग पर गेगल थाना क्षेत्र में गगवाना स्थित होटल मकराना राज के कार्मिकों के साथ एक आईपीएस और कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया। घटना के विरोध में लामबंद हुए राजपूत समाज ने मंगलवार को दिन में आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ को शिकायत दी। रात होते-होते राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने अजमेर के तत्कालीन एडिशनल एसपी (आईपीएस) सुशील कुमार व एडीए आयुक्त (आईएएस) गिरधर को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। वहीं पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने मारपीट के तीन आरोपित पुलिसकर्मियों को फुटेज देखने के बाद सस्पेंड कर दिया। यहां उल्लेखनीय है कि आईपीएस सुशील कुमार को हाल ही नवगठित जिले गंगापुर सिटी का ओएसडी लगाया गया है।
मंगलवार को आरटीडीसी चेयरमैन राठौड़ को ज्ञापन देने के लिए पहुंचे होटल संचालक महेन्द्र सिंह के साथ विभिन्न संगठनों से जुड़े राजपूत समाज के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि होटल मकराना राज के स्टाफ से 11-12 जून की देर रात अजमेर से हाल ही गंगापुर सिटी ट्रांसफर हुए आईपीएस सुशील कुमार विश्नोई ने बदसलूकी व मारपीट की। उनके साथ अन्य अधिकारी भी थे। इसके बाद उन्होंने गेगल पुलिस थाने के जाप्ते को बुलाया। जिन्होंने होटल के अन्दर व कमरों में घुसकर भीतर सो रहे स्टाफ से भी बेरहमी से डंडों से मारपीट की। इतना ही नहीं, रेस्टोरेन्ट में तोड़फोड़ भी कर दी। इससे होटल में दहशत का माहौल है। उन्होंने मारपीट करने वाले अधिकारी व पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कराने की मांग की। इस पर राठौड़ ने उन्हें शिकायत पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक तुरंत पहुंचाने व मामले में निष्पक्ष जांच करवाकर नियमानुसार कार्यवाही कराने का भरोसा दिलाया था। इस मौके पर राजपूत समाज के दशरथ सिंह सकराय, नरेंद्र सिंह जालमपुरा, सुमेर सिंह शेखावत, डॉ.अजय सिंह राठौड़, बहादुर सिंह पीपरोली, पार्षद देवेंद्र सिंह शेखावत, गजेंद्र सिंह पीह, दातार सिंह राठौड़, मूल सिंह रुणिजा, महावीर सिंह गौड़, पदम सिंह भाटी, जय सिंह राठौड़, शम्भू सिंह राठौड़, गजसिंह सहित बड़ी संख्या में राजपूत समाज के लोग उपस्थित थे।
पहले लाइन हाजिर, फिर निलम्बित
पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट के सामने जब मामला पहुंचा तो उन्होंने भी इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने तुरंत प्रभाव से गेगल थाने के एएसआई रूपाराम, कांस्टेबल गौतम व मुकेश यादव को लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही मामले की विभागीय जांच भी शुरू करा दी। उन्होंने घटना के संबंध में वायरल हुए वीडियो के फुटेज चैक किए। उसके बाद रात को एएसआई रूपाराम, कांस्टेबल गौतम व मुकेश यादव सस्पेंड करने के आदेश दे दिए।
विश्नोई ने आरोप को गलत बताया
उक्त प्रकरण में आरोपित आईपीएस सुशील कुमार ने होटलकर्मी से बदसलूकी व मारपीट करने के आरोप को गलत बताया है। उनका कहना है कि वहां कुछ लोगों में झगड़ा होने की सूचना मिली थी। उसके बाद में गेगल थाने का पुलिस जाप्ता भेजा गया था। पीड़ित होटलकर्मी की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था।

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