मां बाड़ी केंद्र और बच्चों का भविष्य भगवान भरोसे
पानी की समस्या, टॉयलेट में गंदगी, गायब शिक्षा सहयोगी
सहरिया क्षेत्र में मां बाड़ी डे केयर सेन्टरों की अधिकांश स्थिति दयनीय बनी हुई है।
राजपुर। आदिवासी अंचल क्षेत्र में सहरिया परियोजना विभाग द्वारा स्वच्छ परियोजना के माध्यम से उपखंड क्षेत्र में 137 मां बाड़ी डे केयर केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 3937 बच्चे अध्यनरत है और लगभग 375 मां बाड़ी शिक्षा सहयोगी लगे हुए हैं लेकिन इन मां बाड़ी डे केयर सेन्टरों की अधिकांश स्थिति दयनीय बनी हुई है। मां बाड़ी केन्द्र और बच्चों का भविष्य भगवान भरोंसे नजर आ रहा है। कई स्थानों पर भवन क्षतिग्रस्त हैं तो कई पानी की व्यवस्था नहीं है। शौचालय बदहाल स्थिति में पड़े हुए हैं। सरकार द्वारा सहरिया उत्थान के लिए और शिक्षा की स्थिति में सुधार करने के लिए सरकार लाखों करोड़ों रुपए का बजट सहरिया परियोजना विभाग के माध्यम से स्वच्छ परियोजना विभाग को हर महीने जारी कर रहा है लेकिन उसके बावजूद भी धरातल पर स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सहरिया बच्चों का भविष्य कैसा होगा।
बिना सूचना के शिक्षा सहयोगी गायब
आनंदपुरा कॉलोनी स्थित संचालित बाड़ी डे केयर सेन्टर पर दो शिक्षा सहयोगी लगे हुए हैं। गिर्राज और बलराम सहरिया इसमें 30 बच्चों का नामांकन है। जिसमें से 25 उपस्थित मिले। वहीं एक शिक्षा सहयोगी बलराम सुबह से ही गायब था। गिरिराज सहरिया शिक्षा सहयोगी ने बताया कि बिना कोई सूचना के गायब है। इसकी सूचना अभी किसी को नहीं दी है। भवनों में दीवारों में जगह-जगह दरार आ रही हैं। पानी की समस्या है। यहां पर दो शिक्षा सहयोगी लगे हुए हैं जो बारी-बारी से अपनी ड्यूटी करते हैं ऐसे में बच्चों का भविष्य भगवान भरोसे है।
सर्दी में खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे नौनिहाल
वहीं बच्चे सर्दी के मौसम में खुले आसमान के नीचे अध्ययन कर रहे हैं। वहीं कई स्थानों पर तो मां बड़ी शिक्षा सहयोगियों की बल्ले बल्ले हो रही है क्योंकि इन केंद्रों पर दो अध्यापक तैनात हैं जो बारी-बारी से ड्यूटी करते हैं और अक्सर केंद्रों से गायब रहते हैं। ऐसे में इनकी मॉनिटरिंग संबंधित विभाग जो अधिकारियों द्वारा ठीक तरीके से नहीं की जा रही है और यह सहरिया जन उत्थान के नाम पर सरकार को लाखों करोड़ों रुपए का चूना लगाने में लापरवाह अधिकारी पीछे नहीं हठ रहे हैं।
30 में से 17 बच्चे मिले उपस्थित
मां बाड़ी डे केयर सेंटर बराड़ा में 30 बच्चों का नामांकन है। जिसमें से 17 बच्चे उपस्थित मिले क्योकि बच्चों को पीने के पानी की और कमरों में बैठने की व्यवस्था नहीं है। कमरे क्षतिग्रस्त हैं। बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर है। यहां पर एक शिक्षा सहयोगी शिवजी सहरिया तैनात है बाकी एक का पद रिक्त है। बरसात के मौसम में बच्चों की अधिकांश छुट्टी रहती है। उच्च अधिकारियों को इस मामले को लेकर कई बार अवगत करा दिया है।
30 बच्चों का नामांकन, उपस्थित केवल एक
मां बाडी डे केयर सेंटर किराड पहाड़ी पर दो शिक्षा सहयोगी तैनात हैं। उम्मेद सहरिया और मोहन सिंह सहरिया 30 बच्चों का नामांकन है लेकिन इसमें एक ही बच्चा मां बड़ी केंद्र पर उपस्थित था बाकी हाजरी रजिस्टर में 15 बच्चे प्रेजेंट दिखा रखे थे लेकिन वह बच्चे झाड़ियां में बोर खाते दिखाई दिए। मोहन सिंह सहरिया मा बाड़ी शिक्षा सहयोगी केंद्र से अनुपस्थित पाया। इस पर उम्मेद सहरिया शिक्षा सहयोगी ने बताया कि इस संबंध में उच्च अधिकारियों को जानकारी नहीं दी है। केंद्र पर पानी की समस्या और शौचालय की समस्या बनी हुई है।
गंदगी और बदबू के सिवाय शौचालय में कुछ नहीं
जब उपखंड क्षेत्र के मां बाड़ी डे केयर सेंटरो का वस्तु स्थिति का जायजा लिया तो हालात कुछ अलग ही देखने को मिले। भवन क्षतिग्रस्त और बदरंग बदसूरत नजर आ रहे हैं। शौचालय में गंदगी और बदबू के सिवा कुछ नहीं दिख रहा है। सहरिया क्षेत्र में मां बाड़ी डे केयर सेन्टरों की अधिकांश स्थिति दयनीय बनी हुई है। कई स्थानों पर भवन क्षतिग्रस्त बच्चे सर्दी के मौसम में खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। वहीं मां बाड़ी डे केयर सेन्टरों पर पेयजल और शौचालय की व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण अधिकांश बच्चों को घर से पानी की बोतल लेकर आना पड़ता है तथा टॉयलेट के लिए खुले में जाना पड़ता है।
इनका कहना
मां बाड़ी केंद्रों पर भवन और शौचालय जर्जर अवस्था में है। जिससे हमेशा हादसे का अंदेशा बना रहता है। वहीं बच्चें में यहां पढ़ने से कतराते है।
- रामनारायण, ग्रामीण।
जिम्मेदार अधिकारियों को मां बाड़ी केन्द्रों पर हो रही अव्यवस्थाओं को दुरस्त करवाना चाहिए। यहां भवनों और शौचालयों की मरम्मत के साथ ही शिक्षा सहयोगियों की व्यवस्था करनी चाहिए।
- कृष्णमुरारी, समाजसेवक।
क्षेत्र के मां बाड़ी केंद्रों जो भी समस्या है। उन समस्याओं के बारे में सरकार को लिखित में बता रखा है। अध्यापकों की लापरवाही अगर कहीं है तो मामले को दिखाकर उचित कार्रवाई की जाएगी। जो लापरवाह टीचर है उनको नोटिस जारी किए जाएंगे। मैं मामले को दिखावाता हूं।
- ओ पी मीणा, स्वच्छ परियोजना अधिकारी, शाहाबाद।
मां बाड़ी डे केयर सेंटरो पर जो समस्या है। उनका समाधान चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा लेकिन जो स्टाफ की लापरवाही है उसके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। लापरवाह कर्मचारियों को बक्शा नहीं जाएगा।
- राजकुमार सिंह, अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं सहरिया परियोजना अधिकारी शाहाबाद।

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