आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं नौनिहाल

पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा इधर-उधर, खुले टांके दुर्घटनाओं को कर रहे आमंत्रित

आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं नौनिहाल

इनकी देखरेख नहीं होने के कारण यह टांके क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़े हैं।

राजपुर। आदिवासी अंचल क्षेत्र में बाल विकास परियोजना विभाग द्वारा  224 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें तीन वर्ष से 6 वर्ष तक के 7095 बालक-बालिकाएं अध्ययन करते हैं। आंगनबाड़ी भवन पर बालक-बालिकाओं के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था नहीं है। आंगनवाड़ी सहायिका को इधर-उधर से बालक-बालिकाओं के लिए पानी लाना पड़ता है। पानी की सुविधा नहीं होने के कारण शौचालय की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बालक-बालिकाओं सहित गर्भधात्री गर्भवती महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरन आंगनबाड़ी के बालक बालिकाओं एवं आने वाली महिलाओं को खुले में शौच आदि के लिए जाना पड़ रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बरसों पहले एक संस्था द्वारा जल संचय करने के लिए लाखों करोड़ों रुपए की लागत से आंगनबाड़ी केंद्रों पानी के टांकों का निर्माण कराया था और उनमें छत से पाइपलाइन जोड़कर बारिश का पानी संचय किया जाता था। जिसमें एक हैंड पंप भी लगाया गया था जो बारिश के पानी से क्षेत्र के लोगों को आवश्यकता के अनुरूप पानी उपलब्ध होता था। लेकिन अब इनकी देखरेख नहीं होने के कारण यह टांके क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़े हैं। टांको के अंदर गंदगी फैली हुई है। 

टांकों के ढक्कन हुए चोरी 
जानकारी के अनुसार टांकों से ढक्कन चोरी हो गए हैं। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बालक-बालिका इन टांकों पर खेलते नजर आते हैं। जिससे इनको हमेशा दुर्घटना घटित होने का अंदेशा बना रहता है। इस मामले को लेकर जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। बरसों पहले टांके में गिरने से एक बालिका की मौत हो गई थी। उसके बावजूद भी अभी तक इन टैंकों पर ढक्कन नहीं लगवाए गए हैं। अगर इस मामले को जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले समय में कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है। पूरी तरह हुए जीर्ण-शीर्ण: ग्रामीण भरत सिंह यादव, नरेश कुमार, कलाराम सहरिया, जसराम ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर वर्षों पहले टांकों का निर्माण करवाया था जो अब पूर्ण रूप से जीर्ण-शीर्ण और गंदगी से अटे पड़े हैं। सरकारी धन का दुरुपयोग जमकर हो रहा है। लेकिन इनकी सुध नही ली जा रही। आंगनबाड़ी केंद्र के आसपास लगे गंदगी के ढेर आदिवासी अंचल क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ियों पर साफ-सफाई की व्यवस्था अधिकांशतया चौपट बनी हुई है। भवनों के आसपास गंदगी के ढेर आंगनबाड़ी केंद्र पर आने वाले बच्चों के लिए बीमारियों का न्यौता देते नजर आते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा साफ-सफाई व्यवस्था ठीक तरीके से नहीं कराई जाती है। 

आंगनबाड़ी भवनों पर बरसों पहले किसी संस्था द्वारा बारिश का पानी संचय करने के लिए टांकों का निर्माण करवाया गया था। संस्था की जानकारी नहीं है। लेकिन गंदगी फैली हुई है। ढक्कन गायब है तो इनको दुरुस्त करवाने के लिए सभी ब्लॉक की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पाबंद किया जाएगा। पानी की समस्या को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करा रखा है।
- रवि मित्तल, बाल विकास परियोजना अधिकारी, शाहाबाद

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