मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना : शिक्षा मंत्री ने 26 दिव्यांगों को प्रदान की स्कूटी

दिव्यांगजनों को मिलेगा संबल, बढ़ेगी कार्यक्षमता: डॉ. कल्ला

मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना : शिक्षा मंत्री ने 26 दिव्यांगों को प्रदान की स्कूटी

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल.डी. पंवार ने योजना के प्रावधानों के बारे में बताया। अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) पंकज शर्मा, उद्यमी राजाराम घारणिया, वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र जोशी, पार्षद नंदलाल जावा, शिवलाल तेजी, जयदीप सिंह जावा सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

बीकानेर। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने सोमवार को मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना के तहत 26 दिव्यांगों को स्कूटी प्रदान की। इनमें कॉलेज जाने वाले 19 विद्यार्थी और रोजगार स्थल पर आने-जाने वाले 7 दिव्यांग सम्मिलित हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि गत वर्ष प्रदेश के दो हजार दिव्यांगजनों को स्कूटी दी गई। इस बार पांच हजार दिव्यांगों को स्कूटी दी जाएगी। इससे दिव्यांगजनों को संबल मिलेगा तथा इनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी। योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनका लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचे. उन्होंने बताया कि जिले में 56 दिव्यांगों को स्कूटी वितरित की गई है। इस वित्तीय वर्ष के लिए पात्र दिव्यांगों के आवेदन लिए जा रहे हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल.डी. पंवार ने योजना के प्रावधानों के बारे में बताया। अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) पंकज शर्मा, उद्यमी राजाराम घारणिया, वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र जोशी, पार्षद नंदलाल जावा, शिवलाल तेजी, जयदीप सिंह जावा सहित अनेक लोग मौजूद रहे। मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना के तहत स्कूटी पाने वाले लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार जताया। श्रीडूंगरगढ़ के मोमासर गांव में रहने वाले राधेश्याम नाई ने बताया कि वह घर से लगभग पंद्रह किलोमीटर दूर एक दुकान चलाता है। अब तक वह बस के माध्यम से यहां आता-जाता था, लेकिन स्कूटी मिलने से उसकी दिक्कत कम होगी। लूणकरणसर के अजीतमाना गांव के सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि वह भादरा के एक कॉलेज से बीएसटीसी कर रहा है। उसने कॉलेज से लगभग चार किलोमीटर दूर कमरा किराए पर लिया हुआ है। अब वह अपनी स्कूटी पर आराम से कॉलेज आ-जा सकेगा। रुणिया बड़ा बास की सोना ने बताया कि वह बीकानेर शहर में एक निजी महाविद्यालय में पढ़ती है। अब तक वह आॅटो या बस से आती-जाती थी। अब स्कूटी मिल गई है, तो वह आत्मनिर्भर होकर कॉलेज आ-जा सकेगी।

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