बे-मौसम की बारिश से विद्यालयों में शिक्षण कार्य हुआ प्रभावित, टपकती छतों के नीचे शिक्षाग्रहण करना विद्यार्थियों की मजबूरी
पांच साल पहले बना था विद्यालय भवन
विद्यालय में चार कक्ष जमींदोज हो गए थे, जबकि अन्य कक्षों की छतें भी खराब हैं।
भण्डेड़ा। नैनवां उपखंड क्षेत्र के 15 विद्यालयों में बारिश के चलते शिक्षा कार्य प्रभावित हो गया है। इन विद्यालयों में कई कक्षों को जमींदोज कर दिया गया था, लेकिन डेढ़ महीने से अधिक समय गुजरने के बाद भी इन विद्यालयों में मरम्मत नहीं की गई और न ही नए भवनों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, भण्डेड़ा में छात्रों को टपकती छत के नीचे शिक्षाग्रहण करना पड़ रहा है। यहां की छतों से बारिश का पानी टपकता नजर आ रहा है, जिससे छात्रों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कक्षा आठ और कक्षा दस के छात्र एक ही कक्षा में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि अन्य कक्षों की स्थिति और भी खराब है। जानकारी के अनुसार, इस विद्यालय में चार कक्ष जमींदोज हो गए थे, जबकि अन्य कक्षों की छतें भी खराब हैं। पुस्तकालय, आर्ट क्राफ्ट रूम, कम्प्यूटर लैब और विज्ञान लैब में भी पानी टपकता है, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को असुविधा हो रही है। यह विद्यालय भवन पांच साल पहले बना था, लेकिन घटिया निर्माण और विभाग की अनदेखी के कारण अब यहां समस्याएं बढ़ गई हैं। विद्यालय प्रशासन और शालाध्यापक इस स्थिति को लेकर परेशान हैं और जल्द से जल्द मरम्मत की मांग कर रहे हैं।
बारिश में छतें टपकते ही छोटी कक्षाओं की छुट्टी
जैसे ही बारिश का दौर शुरू होता है, कक्षाओं की छतें टपकने लग जाती हैं, जिससे छोटे कक्षाओं को छुट्टी देने या उन्हें बड़ी कक्षाओं में समायोजित करने की मजबूरी बन जाती है। इससे बोर्ड कक्षा के बच्चों को सही तरीके से शिक्षा नहीं मिल पाती। मौसम ठीक रहने पर, विद्यालयों में भामाशाहों द्वारा दिए गए टीनशेड के नीचे बच्चों को बैठाने से कुछ राहत मिल जाती है, लेकिन इस समय हो रही बारिश से शैक्षिक कार्य पर विपरीत असर पड़ रहा है।
नैनवां उपखंड क्षेत्र के कुल 15 विद्यालयों में जर्जर हालत के भवनों को जमींदोज किया गया है और इन विद्यालयों के लिए नए भवनों की डिमांड की गई है।
- ओमप्रकाश नागर, जेईएन।
भण्डेड़ा में एसडीआरएफ बाढ़ राहत कोष से दो लाख रुपये की राशि स्वीकृत हो चुकी है, जिससे जल्द ही विद्यालयों की मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा। हालांकि, जमींदोज हुए भवनों के लिए राशि अभी तक स्वीकृत नहीं हुई है, लेकिन प्रक्रिया चल रही है और जैसे ही राशि स्वीकृत होगी, वहां नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
- अनिल गोयल, एसीबीईओ।

Comment List