चूल्हा चौका छोड़कर गृहणियां पानी के लिए जूझ रही
सादेड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय का मामला
गांव से एक किमी दूर हैडपंप पर लगना पड़ता है कतार में।
भण्डेड़ा। सादेड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर लंबे समय से पीने के पानी के लिए गृहिणियों को जद्दोजहद करना पड़ रहा है। महिलाएं सुबह सारा काम छोड़कर पानी के लिए गांव से एक किमी दूर किसी मोहल्लेवासियों को दो किमी से अधिक दूरी तय करके पीने का पानी हैडपंप पर पहुंचकर जुटाना पड रहा है। इस समय पानी का जलस्तर बहुत ऊपर होने के बाद भी पूरे गांव के लिए पीने का पानी गांव के जलस्रोतों से उपलब्ध नही है। यह समस्या गांव में लंबे समय से चली आ रही है। पर अभी तक संबंधित विभाग व जिम्मेदार ग्रामीणों की जद्दोजहद को दूर नहीं कर पाएं है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत मुख्यालय के वासियों को गांव में सरकारी व निजी जलस्रोतों में पानी पीने योग्य नहीं है। पानी के लिए गृहिणियों को अलसुबह ही चुल्हा चौका छोड़कर पीने के पानी के लिए गांव से दूर एक हैडपंप भण्डेड़ा रोड पर दूसरा कल्याणपुरा रोड पर व तीसरा जिन्हें मीठा पानी ही चाहिए वह आरवीटीआर की वन सीमा में मेज नदी के किनारे गांव से दो किमी दूर सतीमाता के हैंडपंप पर पहुंचकर पानी जुटाने की मजबूरी बनी हुई है। हैंडपंप पर भी देखते-देखते ही गृहिणियों की भीड़ लग जाती है। जो नंबर लगता है एवं अपनी बारी के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पडता है। रात्रि के समय तो एकल महिलाओं को पानी लेकर आने के लिए परिवार के सदस्यों को साथ लेकर जाना पडता है।
गृहिणियों का कहना
गांव में लगे सभी जलस्रोतों के पानी को मुंह में नही ले सकते है। पीने के पानी के लिए इन तीनों जगहों में किसी पर भी पहुंचकर ही पीने का पानी जुटाया जाता है। इस समस्या को बहुत वर्ष बीत गए। पर अभी तक भी जिम्मेदारों ने पीने के पानी को लेकर व्यवस्था करना दूर इस बारे में किसी ने भी आज तक गांव के हाल नही देखें है। पहले गांव में लगे जलस्रोतों से पानी को काम मे लेते थे। जिसे पीने से हाथ पांव व पूरे शरीर में दर्द रहता है। जो परेशानियों का सामना कर पानी के लिए दूरी तय करके जुटाते है। यहा पर भी भीड़ अधिक होती है। गांव के सभी यही से पानी के लिए आने से सभी को नंबर अनुसार ही पानी भरना पडता है। जो घर का कामकाज भी प्रभावित होता है। घंटों इंतजार करके पानी मिल पाता है। पानी के लिए संबंधित विभाग ने अभी तक भी कोई मदद नही की है। गांव में पीने के पानी के लिए लगे टेंकर तो गृहिणियों को इस परेशानियों से निजात मिले। मगर लंबे समय से समस्या जस की तस बनी हुई है।
पानी के लिए मशक्कत महिलाओं की जुबानी
यह एक हैडपंप नही हो तो प्यासे मर जाएं। हमारे गांव की प्यास बुझाने का मात्र यही सहारा है। जिम्मेदार ध्यान देकर हमारे पीने योग्य पानी के संघर्ष को दूर करें। ताकि सुबह उठते ही इधरउधर की भागादौड़ी खत्म हो।
- छोटी बाई, गृहिणी निवासी सादेड़ा
गांव के बाहर घोरण के पास से पीने का पानी लेने यहां पर आना पडता है। गांव में एक भी जलस्रोत में पीने योग्य पानी नही है। हमारी इस समस्या को लेकर अधिकारी भी अनजान बनें हुए है। एवं भुगतना हम लोगों को पड़ रहा है। जिम्मेदार हमारी समस्या को जल्द निपटाएं।
- रामघणी केवट, गृहिणी निवासी सादेड़ा
पूरे गांव में एक भी जलस्रोतों में पीने योग्य पानी नही है। कभी कभार इन्हीं के पानी के काम लेने से शरीर व घुटनों में दर्द होता है। पीने के पानी के लिए टेंकर लगाए तो हमे पानी की इस कठिन समस्या से राहत मिले। एवं मीठा पानी उपलब्ध हो तब गांव को पानी की जद्दोजहद से जूझना नहीं पड़े। जिम्मेदार हमारी समस्या का जल्द निराकरण करें।
- आरती सेन, गृहिणी निवासी सादेड़ा
इनका कहना है
गांव में पीने के पानी की विकट समस्या लंबे समय से चल रही है। जो अभी भी जारी है। गर्मी के समय ओर विकट समस्या उत्पन्न होती है। जो नैनवां पंचायत समिति की बैठक में भी लिखित-पत्र से मांग कर चूके है। जब भी पानी के टैंकर नही लगे है। वही समस्या अभी चल रही है मैं तो विभागों से कहते हुए थक चूका हूं। एक ही जवाब देते है कि चंबल की योजना आ रही है। मगर कब तक यह सब सहते रहेंगे। यहां के ग्रामीण पंचायत स्तर पर हम भी परेशान हो चूके है। पर संबंधित विभाग इस समस्या का समाधान नहीं कर रहे है।
- कैलाश सैनी, सरपंच, ग्राम पंचायत सादेड़ा
अभी नलकूप व हैडपंप की टेण्डर प्रक्रिया पूरी हो जाए। जिसके बाद नलकूप या हैडपंप लगवाने की प्रकिया करेंगे। पीने के पानी की कठिन समस्या है, तो ग्रामीण पीने के पानी के लिए टैंकर की मांग है। तो ग्रामीण लिखित-पत्र लिखकर देगें। तभी हम हमारे स्तर से जलदाय विभाग से टेंकर लगवाने का प्रयास कर देगें।
- ग्यारसी लाल मीणा, बीडीओ, पंचायत समिति नैनवां
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