चित्तौड़ रोड चौराहे पर अतिक्रमण की भरमार
अनदेखी: व्यस्ततम चौराहे पर न तो ट्रैफिक सिग्नल और न सिपाही तैनात, अतिक्रमण के चलते आए दिन हो रही दुर्घटनाएं, जिम्मेदारों का नहीं है कोई ध्यान
दुर्घटनाओं में कमी लाने की दृष्टि से पूर्व में यहां अस्थाई पुलिस चौकी भी स्थापित की गई थी। लेकिन पुलिस चौकी हटने के बाद चौराहे पर चारों तरफ अतिक्रमण बढ़ गए और साथ ही छोटे बड़े वाहनों की अवैध पार्किंग भी।
बूंदी। शहर से निकल रहे पुराने एनएच 52 पर स्थित सबसे व्यस्ततम चित्तौड़ रोड चौराहे का लंबे समय से हाल-बेहाल है। इस चौराहे पर न तो ट्रैफिक सिग्नल है, न यातायात पुलिसकर्मी है। इससे आए दिन यहां छोटी बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जिससे क्षेत्रवासी खासे परेशान है। परेशानी और इन समस्याओं का दूसरा कारण चौराहे पर हो रही अतिक्रमणों की भरमार हैं। सुबह-सुबह चौराहे पर हालत हो बद से बदतर हो जाते है। चौराहे के आसपास और चारों तरफ जेसीबी,क्रेन, ट्रक सहित अन्य भारी बड़े वाहन घंटों तक खड़े रहते हैं, जिसके चलते सुगम यातायात और आवाजाही प्रभावित रहती है। वहीं चित्तौड़ रोड की ओर पेट्रोल पंप के सामने अवैध रूप से रोड के किनारे राख के ढेर लगे हुए हैं, जो भी दुर्घटना का कारण बनते जा रहे हैं। क्षेत्र के रमेश शर्मा, लव गुर्जर और योगेश शर्मा क्षेत्रवासियों के अनुसार चौराहे पर स्थित दुकानदारों द्वारा दुकान के आगे टीन शेड लगाकर 15 से 20 फीट तक अतिक्रमण कर रखा है। चारों तरफ थड़ी, केबिन लगा कर अस्थाई अतिक्रमणों को स्थाई करने की जुगत लगाई जा रही हैं तो वहीं यहां अवैध आॅटो स्टैंड भी बन गया है। जिसके चलते चित्तौड़ रोड की ओर से आने वाले वाहन चालक को बाइपास रोड व कोटा रोड की ओर से तेज गति से आने वाले वाहन दिखाई नहीं देते हैं। जिसके चलते आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। संैकड़ों लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं।
दुर्घटनाओं में कमी लाने की दृष्टि से पूर्व में यहां अस्थाई पुलिस चौकी भी स्थापित की गई थी। लेकिन पुलिस चौकी हटने के बाद चौराहे पर चारों तरफ अतिक्रमण बढ़ गए और साथ ही छोटे बड़े वाहनों की अवैध पार्किंग भी। हालात यह है कि आरटीओ आॅफिस की तरफ जाने वाले रास्ते पर स्थित दुकानदारों द्वारा दुकान के आगे 20 फीट तक टीनशेड व जालियां लगाकर अतिक्रमण कर रखा है। जिसके चलते वाहनों को खड़े होने तक की भी जगह नहीं है। मजबूरन बड़े वाहन सड़कों पर ही खड़े रहते हैं। साथ ही जालिया व टीन शेड लगाने से बाईपास की ओर से आने वाला वाहन भी दिखाई नहीं देता है। इस चौराहें के समीप बीएसएनएल, आरटीओ, हीरो शोरूम, पेट्रोल पम्प, छात्रावास सहित अन्य कहीं सघन आवाजाही वाले संस्थान स्थित है। ऐसी स्थिति में चौराहे से गुजरने वाले आमजन और क्षेत्रवासी परेशान रहते है। जिस पर जिला प्रशासन, यातायात पुलिस व नगर परिषद का कोई ध्यान नहीं है। क्षेत्र वासी हरीश शर्मा हेमराज गोस्वामी ने बताया कि कई बार जिला प्रशासन नगर परिषद अतिक्रमण शाखा को लिखित में देने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है। आए दिन यहां दुर्घटनाएं हो रही है बड़े वाहनों को साइड में आने वाले छोटे वाहन दिखाई नहीं दे रहे हैं। जिससे यह चौराहा खूनी चौराहा बनता जा रहा है। क्षेत्र के लोगों ने नगर परिषद व जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द अतिक्रमण हटा कर क्षेत्रवासियों को राहत दी जाए।
चौराहा छोटा होने के कारण आसपास किए गए अतिक्रमण से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। आयुक्त को लिखित में अतिक्रमण की शिकायत देने के बावजूद अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। क्षेत्र के लोग परेशान है।
महावीर मीणा, क्षेत्रीय पार्षद
सड़क के दोनों ओर यदि अतिक्रमण है, तो नगर परिषद के सहयोग से अतिक्रमण हटवाया जाएगा। अवैध आॅटो स्टैंड को तुरंत हटाया जाएगा। चौराहे को दुर्घटना मुक्त बनाने के प्रयास किए जाएंगे।
-बहादुर सिंह, यातायात प्रभारी
दुकानों के आगे व चौराहे के चारों ओर अतिक्रमण होने की शिकायत मिली है। टीम को भिजवाकर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाया जाएगा।
-रवि दाधीच,अतिक्रमण प्रभारी नगर परिषद
अतिक्रमण होने की जानकारी मिली है। अगर अतिक्रमण हुआ है तो नियमानुसार कार्रवाई करते हुए हटाया जाएगा।
-महावीर सिंह सिसोदिया, आयुक्त नगर परिषद
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