अस्पताल में तीन माह से सोनोग्राफी कक्ष पर लगा है ताला
गर्भवती महिलाएं और मरीज लौट रहे निराश
सोनोग्राफी मशीन का संचालन करने वाले ऑपरेटर का पद रिक्त होने से मरीज हो रहे परेशान।
लाखेरी। लाखेरी अस्पताल में विगत तीन माह से सोनोग्राफी कक्ष पर ताला लटका है। ऐसे में हर रोज बड़ी संख्या में सोनोग्राफी जांच कराने के लिए आने वाली गर्भवती महिलाएं सहित अन्य मरीजों को बैरंग लौटना पड़ता हैं। सोनोग्राफी मशीन का ऑपरेटर का पद रिक्त पड़ा होने से यह समस्या आ रही है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को निजी क्लिनिक पर अधिक राशि देकर सोनोग्राफी कराने को मजबूर है। लाखेरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और पूर्व विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने विधिवत पूजा अर्चना कर सोनोग्राफी मशीन अस्पताल मरिजों की सुविधा के लिए अस्पताल को समर्पित की थी। जिससे अस्पताल पर गर्भवती महिलाओं और अन्य मरीजों को इसका लाभ मिल सके। लेकिन विगत तीन माह से ऑपरेटर के अभाव में सोनोग्राफी कक्ष पर ताला लटका है। सोनोग्राफी जांच की व्यवस्था न होने से लाखेरी सहित आसपास के आने वाले मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
अस्पताल आई मरीज कांताबाई, मधुबाला , शांति, चंद्रकला कमला गुर्जर, बद्री बाई,सुनिता ,कृष्णा, अल्का, मीनु, शारदा सिन्हा ने बताया कि जहां अस्पताल पर सप्ताह में एक दिन शुक्रवार को ही सोनोग्राफी की जाती थी वहां पर पहुंची महिला मरीज को बैरंग लौटा दिया जाता था या अगले सप्ताह का बोल दिया जाता था। इस प्रकार के हालात सोनोग्राफी मशीन सप्ताह में एक दिन कार्य होने दौरान होता था। गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह से दो या तीन बार सोनोग्राफी करना पड़ सकता है लेकिन अस्पताल पर एक सोनोग्राफी कराने में ही काफी समय लग जाता था बाकी सोनोग्राफी उस दौरान भी निजी चिकित्सक के पास जाकर करना महिलाओं को मजबूर थी। लेकिन वर्तमान में अस्पताल पर गत तीन माह से सप्ताह में एक दिन भी सोनोग्राफी नहीं होने से ग्रामीण अंचल महिला व शहर की गर्भवती महिलाओं को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
संभागीय आयुक्त को भी बताई थी समस्या
समस्या को महिला मरीजों ने गत सप्ताह में संभागीय आयुक्त उर्मिला राजोरिया अस्पताल के औचक निरीक्षण दौरान अवगत कराया गया था लेकिन सप्ताह गुजर जाने के बाद भी सोनोग्राफी मशीन सुचारू नहीं हो सकी। मरीजों ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए अस्पताल पर स्थापित सोनोग्राफी मशीन को सुचारु करने की मांग की है। गर्भवती महिलाओं ने बताया कि अस्पताल के पास सीमेंट उद्योग होने से सोनोग्राफी मशीन को उपयोग में नहीं लिया जाता है तो कुछ दिनों बाद मशीन भी अपना कार्य करना बंद कर सकती है क्योंकि अस्पताल परिसर पर काफी सीमेंट की धूल आती है इस कारण मशीनों को काम नहीं लेने पर व अनुपयोगी हो सकती है।
क्षेत्रवासियों की यह है पीड़ा
उतरना ग्राम पंचायत की सरपंच बुद्धिबाई गुर्जर ने बताया कि सोनोग्राफी मशीन सुचारू नहीं होने से ग्रामीणों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल पहुंचने के बाद पता चलता है कि चिकित्सक नहीं होने से सोनोग्राफी मशीन सुचारू नहीं है। गांववासी महिलाओं को कहीं दूर चलकर बैरंग लौटना पड़ता है। जिससे पैसे व समय दोनों खराब होते है।
लाखेरी के कौशल पंडित ने बताया कि लाखेरी अस्पताल पर सोनोग्राफी मशीन सुचारू नहीं होने से निजी चिकित्सक के क्लिनिक जाकर एक हजार से अधिक पैसे खर्च करने पड़ते है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने और बीपीएल परिवारों के सदस्य होने से उधार लेकर कार्य करना पड़ रहा है।जिससे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।
अरूण पंवार का कहना है कि लाखेरी सीएचसी आने वाली महिलाओं को अधिक परेशानी झेलनी पड़ती है। एक महिला सीएचसी में सोनोग्राफी कराने पहुंची लेकिन उसे बैरंग लौटना पड़ा। अस्पताल प्रशासन या तो वहां बोर्ड लगाकर मरीजों को सूचित कर दे ताकि सोनोग्राफी कराने वाले मरीजों परेशानी तो ना हो।
विगत कई दिनों से सोनोग्राफी मशीन ऑपरेटर नहीं आने से महिलाओं को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। उच्चाधिकारियों को इस समस्या से अवगत करा दिया है। आदेश आते ही नियमानुसार समस्या का समाधान किया जाएगा।
- डॉ राजेश वर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक और कार्यवाहक प्रभारी सीएचसी लाखेरी
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