मंदिरों ने किया भारतीय परंपराओं, संस्कृति और मूल्यों को संरक्षित : भजनलाल
अखिल मेवाड़ क्षेत्र जाट महासभा के कार्यक्रम को सम्बोधन
मातृकुण्डिया में पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन
राशमी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि मंदिरों ने भारतीय परंपराओं, संस्कृति और मूल्यों को संरक्षित करने का काम किया है। मंदिर आस्था के प्रतीक होने के साथ ही हमारी सामाजिक एवं सांस्कृतिक चेतना के भी प्रमुख केंद्र हैं। मंदिर भारतीय सनातन संस्कृति की आत्मा है, जिनसे हमारी विरासत मजबूत होती है। मुख्यमंत्री चित्तौड़गढ़ जिले के राशमी उपखंड क्षेत्र में स्थित मेवाड़ के हरिद्वार कहे जाने वाले मातृकुंडिया तीर्थधाम पर अखिल मेवाड़ क्षेत्र जाट महासभा के कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए निरंतर काम कर रही है। चित्तौड़ की धरती शूरवीरों की धरा है। इस पर वीर महाराणा प्रताप, भक्त शिरोमणि मीराबाई जैसी महान विभूतियां हुई हैं। साथ ही मातृकुंडिया में स्थापित यह मंदिर आस्था स्थल के रूप में उभरेगा और इस क्षेत्र को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने जाट महासभा के नव निर्मित पशुपति नाथ मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शिरकत कर महादेव का अभिषेक किया। साथ ही मंगलेश्वर महादेव मंदिर के भी दर्शन किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे किसानों के दर्द को भली-भांति समझते हैं। अन्नदाता किसानों को अगर खेती के लिए पर्याप्त पानी तथा बिजली मिलेगी तो वे सशक्त होंगे। राज्य सरकार ने किसानों की सम्मान निधि और गेंहू की एमएसपी में वृद्धि जैसे कई निर्णय किए जिससे किसानों को आर्थिक संबल मिला है।
पांच वर्ष में युवाओं को देंगे 4 लाख सरकारी नौकरी
उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में चार लाख सरकारी नौकरी देकर युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हमने संकल्प पत्र में किए गए 50 फीसदी से अधिक वादे पूरे कर लिए ,संकल्प पत्र भले ही पांच साल के लिए था। कार्यक्रम में पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, सहकारिता मंत्री गौतम दक, सांसद सीपी जोशी, निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी, कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर, चित्तौड़गढ़ विधायक चन्द्रभान सिंह, बेगूं विधायक सुरेश धाकड़, राजसमंद जिला प्रमुख रतनीदेवी सहित जाट समाज एवं भाजपा के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को चांदी का मुकुट और हल भेंटकर स्वागत किया।
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