प्रोजेक्ट मैनेजर की ऑनलाइन परीक्षा में नकल गिरोह के 2 सदस्य गिरफ्तार
डेस्कटॉप भी बरामद किए हैं
टीम ने ऑनलाइन परीक्षा में नकल में काम आने वाले अतिरिक्त डिवाइस लगे दो डेस्कटॉप भी बरामद किए हैं।
जयपुर। कमिश्नरेट की सीएसटी टीम ने सोमवार को आवासन मंडल की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में नकल गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। टीम ने मंडल की प्रोजेक्ट मैनेजर पद पर हुई इस परीक्षा में शातिर प्रदीप यादव और चेतराम मीणा को गिरफ्तार किया। अग्रिमा ऑनलाइन टेस्टिंग सेंटर के आॅनर प्रदीप और उसका साथी राजेश पूर्व में भी हरियाणा में परीक्षा में नकल में पकड़ा जा चुका है। टीम ने ऑनलाइन परीक्षा में नकल में काम आने वाले अतिरिक्त डिवाइस लगे दो डेस्कटॉप भी बरामद किए हैं।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (प्रथम) कैलाश चंद बिश्नोई ने बताया कि बीती रविवार को मुखबिर से सूचना मिली कि अग्रिमा आॅनलाइन टेस्टिंग सेंटर पर प्रोजेक्ट मैनेजर की ऑनलाइन परीक्षा में नकल कराने की प्लानिंग है। इस सूचना पर सीएसटी टीम ने अग्रिमा सेंटर पर जाकर चैक किया तो दो डेस्कटॉप में अतिरिक्त डिवाइस मिली, जो ऑनलाइन परीक्षा में नकल करने के लिए लगाई गई थी। यह डिवाइस आॅनलाइन परीक्षा के प्रश्नों की कॉपी करके नकल गिरोह वाली टीम को भेजती थी। इसके बाद गिरोह प्रश्नों के उत्तर की पर्ची तैयार कर परीक्षार्थी तक भेजा जाने का प्लान था। सीएसटी ने तुरंत परीक्षा में नकल गिरोह के मनसूबों को नाकाम किया और आरोपी प्रदीप कुमार (29) निवासी भीलवाड़ा महेंद्रगढ़ हरियाणा और चेतराम मीणा (29) निवासी रैणी अलवर को गिरफ्तार कर लिया।
ये हुआ खुलासा
प्रदीप यादव व उसके साथी अमित यादव ने अग्रिमा आॅनलाइन टेस्टिंग सेंटर को 65 हजार रुपए में किराए पर लिया। प्रदीप ने खुलासा किया कि उसने साहिल की सेंटर पर प्रोजेक्ट मैनेजर की आॅनलाइन परीक्षा में आईटी की ड्यूटी लगवाई थी, जो परीक्षा केंद्र पर कहीं भी आ-जा सकता था, जिससे परीक्षार्थी तक अतिरिक्तडिवाइस लगाने की व्यवस्था करता। साहिल ही अतिरिक्त डिवाइस लगे हुए डेस्कटॉप बाहर से आईटी एक्सपर्ट से तैयार कराकर प्रदीप और अमित के माध्यम से सेंटर के अंदर पहुंचता था। प्रदीप ने कबूल किया कि अमित अग्रिमा टेस्टिंग सेंटर में उसका पार्टनर है, जो प्रतियोगी परीक्षा के दिन सेंटर में स्टाफ को चाय पिलाने का काम करता है, ताकि वह पूरे सेंटर में कहीं भी घूम सकता था और वही परीक्षार्थी को बाहर से आई हुई प्रश्नों के उत्तर की पर्ची पहुंचाने का काम करता। प्रदीप ने खुलासा किया संदीप डांगी जो सेंटर में पर्यवेक्षक पवन यादव के बिना फोटो वाली आईडी कार्ड पर ड्यूटी कर रहा था और जिन अभ्यर्थियों को पर्ची देनी थी उनकी सीट के बारे में साहिल व अन्य पर्ची देने वाले को बताता। आरोपी चेतराम ने बताया कि अलवर के लोकेश मीणा से मेरे पेपर हल करवाने के लिए 15 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था, जिसमें आधे पैसे परीक्षा के खत्म होने के बाद और आधे पैसे चयनित होने के बाद देने थे।

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