मोहनगढ़ में 850 फुट से फूटे झरने के बाद बस्ताबंद योजना की फिर झड़ी धूल, सरकार अब अधिक गंभीर

मरुधरा के जीवन को हरा करेगी ‘सरस्वती’!

मोहनगढ़ में 850 फुट से फूटे झरने के बाद बस्ताबंद योजना की फिर झड़ी धूल, सरकार अब अधिक गंभीर

प्राचीनकाल की विलुप्त नदी सरस्वती के अस्तित्व, नदी के बहाव मार्ग, आकार और इसके विलुप्त होने की सच्ची कहानी तथा इसे पुनर्जीवित करने की पहल करते हुए राजस्थान सरकार ने 2015 में एक प्रोजेक्ट तैयार किया था

जयपुर। प्राचीनकाल की विलुप्त नदी सरस्वती के अस्तित्व, नदी के बहाव मार्ग, आकार और इसके विलुप्त होने की सच्ची कहानी तथा इसे पुनर्जीवित करने की पहल करते हुए राजस्थान सरकार ने 2015 में एक प्रोजेक्ट तैयार किया था। इसके लिए केन्द्र ने 68 करोड़ रुपए भी मंजूर किए थे, लेकिन उसके बाद कदम आगे नहीं बढ़ सके। हाल ही जैसलमेर के मोहनगढ़ में 850 फीट गहरी ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान फूटे फव्वारे से यहां सरस्वती नदी का चैनल होने के संकेत मिले। इसके बाद फिर सरस्वती की खोज की दिशा में कदमताल शुरू हो गए है। राजस्थान सरकार ने विलुप्त सरस्वती नदी के क्षेत्र को तलाशने की योजना तैयार की है। इस बार जल संसाधन विभाग डेनमार्क के सहयोग से इस मुहिम में आगे बढ़ेगा। इसके लिए डेनमार्क से हाल ही डब्ल्यूआरडी ने समझौता भी किया है। इसके लिए काजरी से भी तकनीकी सहयोग लिया जाएगा।

सरस्वती नदी का क्या है इतिहास

वैदिक काल में सरस्वती नदी की बड़ी महिमा थी और इसे परम पवित्र नदी माना जाता था, क्योंकि इसके तट के पास रहकर तथा इसी नदी के पानी का सेवन करते हुए ऋषियों ने वेद रचे और वैदिक ज्ञान का विस्तार किया। इसी कारण सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी के रूप में भी पूजा जाने लगा। सरस्वती नदी के अस्तित्व की बात की जाए, तो अलग-अलग शोध बताते हैं कि इसके अस्तित्व को शास्त्र, पुराण और विज्ञान सभी ने माना है। एक रिसर्च में ये बात कही गई है कि लगभग 5500 साल पहले सरस्वती नदी भारत के हिमालय से निकलकर हरियाणा, राजस्थान व गुजरात में लगभग 1600 किलोमीटर तक बहती थी और अंत में अरब सागर में विलीन हो जाती थी।

1984 में ही मिल गए थे संकेत

Read More पुलिस का शक्ति प्रदर्शन : अधिकारियों और जवानों की 425 टीमों ने 1120 जगहों पर दी एक साथ दबिश, 48 घंटों में 1024 आरोपी गिरफ्तार

जैसलमेर का मोहनगढ़ वही क्षेत्र है, जहां केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) के वैज्ञानिकों को अपने रिसर्च के दौरान 1984 में हेलोक्सीलॉन सैलिकोर्निकम झाड़ी मिली थी। इस झाड़ी को वैज्ञानिकों ने 5 मीटर खोदा, लेकिन इसकी जड़ और भी गहरी थी। उस समय संसाधन नहीं होने से अधिक खुदाई नहीं की जा सकी। काजरी के तत्कालीन वैज्ञानिक डॉ. सुरेश कुमार और विनोद कुमार ने इस झाड़ी की गहराई 8 से 10 मीटर बताते हुए एक रिसर्च भी प्रकाशित किया।

Read More थार का फिर बढ़ा आतंक : कार को पीछे से मारी टक्कर, महिला ने दी कुछ भी करने की धमकी

नदी तट को हरियाणा बना रहा पर्यटन स्थल

Read More जयपुर टाइगर फेस्टिवल 11 दिसंबर से, जेकेके में सजेगी बाघों की दुनिया

हरियाणा सरकार सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के जरिए सरस्वती नदी तट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में जुटी है। इस पर करीब 100 करोड़ की योजना के तहत काम किया जा रहा है। यह क्षेत्र पिपली से पिहोवा तक का लिया गया है। 
इसकी कार्य योजना हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के समय तैयार हुई। बताया जा रहा है हरियाणा सरकार ने इस संबंध में राजस्थान सरकार को भी पत्र लिखा है।

Post Comment

Comment List

Latest News

पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़ पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़
ब्राजील के गुआइबा शहर में सोमवार, 15 दिसंबर 2025 को आए तेज आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई। इस दौरान लगभग...
नेशनल हेराल्ड मामला: अदालत ने गांधी परिवार को एफआईआर की कॉपी देने से किया इनकार
UNSC में भारत की पाकिस्तान का दो टूक, कहा-जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न हिस्सा थे और रहेंगे…’ सिंधु जल संधि और इमरान खान को लेकर बोला तीखा हमला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इथियोपिया के आधिकारिक दौरे पर, इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
सोनिया गांधी ने उठाया संसद में महिला कर्मियों का मुद्दा, मानदेय बढाने और सामाजिक सुरक्षा की मांग की
ग्लोबल वायदा बाजार की नरमी के असर : दोनों कीमती धातुओं में गिरावट, जानें क्या है भाव
विपक्ष के विरोध के बीच "बीमा विधि संशोधन विधेयक-2025" लोकसभा में पेश