यज्ञ का ज्ञान विज्ञान जन-जन तक पहुंचाने के लिए पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन
यज्ञ में अर्पित की गई आहुतियां ही पहुंचती हैं भगवान तक
गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने दोनों विधायकों को दुपट्टा धारण कराकर सम्मान किया।
जयपुर। आराध्य देव गोविंददेवजी मंदिर में नि:शुल्क पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में किया गया। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने वेदमाता मां गायत्री, गोविंददेवजी, पंडित श्रीराम शर्मा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर यज्ञ का विधिवत शुभारंभ कर कहा कि यज्ञ संसार का सर्वश्रेष्ठ कार्य है। वेद में लिखा है कि यज्ञ में अर्पित की गई आहुतियां भगवान तक पहुंचती हैं। यज्ञ का प्रसाद प्राप्त कर ही भगवान मनुष्यों को आशीर्वाद देने में सक्षम होते हैं। यज्ञ गायत्री महामंत्र के साथ हो तो वह कई गुना अधिक लाभ देता है। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्रापुरी के दिनेश आचार्य, डॉ अजय भारद्वाज, दिनेश भारद्वाज की टोली वैदिक विधि से यज्ञ संपन्न कराया। डॉ अजय भारद्वाज ने कहा कि यज्ञ भारतीय संस्कृति का पिता और गायत्री भारतीय संस्कृति की माता है।
यज्ञ सत कर्म है और गायत्री सद्ज्ञान है, हमें इन दोनों का अवलंबन करके सभी तरह की उन्नति प्राप्त करनी चाहिए। इस मौके पर विधायक बालमुकुंदाचार्य और गोपाल शर्मा ने कहा कि गायत्री देवों की मां है। गायत्री मंत्र का जाप करने से सभी देवी देवताओं की साधना हो जाती है, इसलिए अधिक से अधिक संख्या में गायत्री महामंत्र का जाप करना चाहिए। गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने दोनों विधायकों को दुपट्टा धारण कराकर सम्मान किया।
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