मल मास समाप्त होने के बाद गणेश मंदिरों में बड़ी संख्या में लोग विवाह के कार्ड के साथ पहुंचे न्यौता देने
शहर के गणेश मंदिरों में हुआ पुष्याभिषेक
भक्तों को लक्ष्मी स्वरूप हल्दी की गांठ और सुपारी का वितरण किया गया।
जयपुर। बुध पुष्य नक्षत्र में छोटीकाशी के सभी गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य भगवान गणेशजी का पुष्याभिषेक किया गया। शहर में कहीं पंचामृत अभिषेक हुआ तो कहीं दुग्धाभिषेक किया गया। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में महंत पं.कैलाश शर्मा के सान्निध्य में सुबह दूध, दही, घी, शहद, गुलाब जल, केवड़ा जल, हीना इत्र से गणेशजी का अभिषेक किया गया। पंचामृत अभिषेक के बाद गंगाजल से भगवान गणेश को स्नान कराया गया। गणेशजी महाराज को नवीन पोशाक धारण कराकर फूल बंगला झांकी सजाई गई। मल मास समाप्त होने के बाद पहले बड़ी संख्या में लोग विवाह के कार्ड के साथ प्रथम पूज्य को न्यौता देने पहुंचे। मंदिर के पुजारी ने कार्ड में नाम देखकर गणेशजी को रिद्धी-सिद्धी सहित पधारने का आमंत्रण दिया। उधर, मंदिर के बाहर नए वाहनों का पूजन करवाने वालों की भी अच्छी खासी भीड़ रही। दुपहिया, चौपहिया वाहन इलेक्ट्रिक गाड़ियों की पूजा कराई गई। महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि मलमास समाप्त होने के साथ ही आज गणेश को न्यौतने वालों की भी भीड़ रही।
गढ़ गणेश मंदिर में उमड़े श्रद्धालु
जयपुर की स्थापना से पूर्व के गढ़ गणेश मंदिर में महंत प्रदीप औदीच्य के सान्निध्य में पुरुषाकृति बाल गणेशजी का अभिषेक कर पुष्पों से श्रृंगार किया गया। सुबह पट खुलने से पूर्व ही यहां दर्शनार्थियों की कतार लग गई।
परकोटा गणेश मंदिर में केसर जल से किया अभिषेक
चांदपोल परकोटा स्थित गणेश मंदिर में महंत अमित शर्मा के सान्निध्य में गणेशजी का दूध, दही, शहद, गंगाजल, केवड़ा जल, गुलाब जल और केसर जल से अभिषेक कर सिंदूरी चोला चढ़ाया गया। रंगीन नवीन पोशाक धारण कराकर गणपति अथर्वशीर्ष और गणपति अष्टोत्तर नामावली के मंत्रों के साथ गणेश जी को मोदक अर्पित किए गए। सामूहिक रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ कर गणेश जी को दूर्वा अर्पित की गई। भक्तों को लक्ष्मी स्वरूप हल्दी की गांठ और सुपारी का वितरण किया गया।
महालक्ष्मी प्राप्ति हवन में दी आहुतियां
सूरजपोल बाजार स्थित श्वेत सिद्धि विनायक गणेशजी मंदिर में गणेशजी का वेदमंत्रों के बीच दुग्धाभिषेक किया गया। मंदिर पं.नलिन शर्मा के सान्निध्य में महालक्ष्मी की प्राप्ति के लिए हवन में आहुतियां प्रदान की गई। मूंग के लड्डूओं का भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद बांटा गया। गणेशजी को खीर का विशेष भोग लगाया गया।
मलमास खत्म होने के साथ ही आज बजेगी शहनाई
मलमास खत्म होने के साथ ही शहनाइयों की मधुर स्वर लहरियों के बीच युवक-युवती एक-दूजे के हो जाएंगे। एक माह तक चले मलमास में शादी सहित सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद थे, लेकिन अब गुरुवार की शाम को नाते-गाते बराती और उनके स्वागत में आतुर धाराती दिखाई पड़ेंगे। प्रख्यात ज्योतिषी डॉ.अनीष व्यास ने बताया कि इस साल करीब 76 सावे हैं,जबकि वर्ष 2024 में 62 शुभ सावे थे। बृहस्पति और शुक्र के अस्त होने के कारण विवाह और अन्य मांगलिक कार्य नहीं होते हैं।
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