अखिल भारतीय ध्रुवपद नाद निनाद समारोह शुरू, आरआईसी में गूंजी ध्रुवपद की रचनाएं
सुरेश बबलानी मीराबाई के जीवन पर प्रकाश डालेंगे
लखनऊ के विख्यात पखावज वादक अवधि घराने के पं. राज खुशीराम एकल पखावज वादन प्रस्तुत करेंगे।
जयपुर। दो दिवसीय 30वें अखिल भारतीय ध्रुवपद नाद निनाद विरासत समारोह-ध्रुवपद धरोहर विभूति समर्पण कार्यक्रम का आरआईसी में आगाज हुआ। इंटरनेशनल ध्रुवपद धाम ट्रस्ट, रसमंजरी संगीतोपासना केंद्र जयपुर द्वारा आयोजित ये महोत्सव ट्रस्ट के संस्थापक ध्रुवपदाचार्य पद्मश्री पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग और मीराबाई को समर्पित है। पहले दिन पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग के जीवन पर प्रकाश डाला गया। वहीं वरिष्ठ ध्रुवपद गायिका प्रो. डॉ. मधु भट्ट तैलंग के निर्देशन में विशिष्ट रचनाओं का गायन, नाथद्वारा घराने के विख्यात पखावज वादक दिल्ली के पं. डालचंद चंद शर्मा के एकल पखावज वादन और कानपुर के सुप्रसिद्ध दरभंगा घराने के ध्रुवपद गायक पं. विनोद कुमार द्विवेदी एवं आयुष द्विवेदी की ध्रुवपद गायन की जुगलबंदी की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर डॉ. मोहन लाल की प्रकाशित पुस्तक भारतीय संगीत में लहरा वादन एवं ट्रस्ट की वार्षिक पत्रिका का विमोचन हुआ।
डॉ. मधु भट्ट तैलंग ने समारोह की भूमिका पर बात की, सभी अतिथियों ने समारोह को शास्त्रीय संगीत के संरक्षण और संवर्धन की दृष्टि से प्रासांगिक बताया। डॉ. मधु भट्ट तैलंग के निर्देशन में ध्रुवपद धाम ट्रस्ट के विद्यार्थियों ने ध्रुवपद वृन्द गायन की प्रस्तुति दी। इस दौरान पंडित जी द्वारा रचित राग किरवाणी में गणेश स्तुति परक चौताल में ध्रुवपद रचना जयति जय श्री गणेश, डॉ. मधु भट्ट द्वारा खोजी गई राग, मीराबाई की मीरा मल्हार पर आधारित सूल ताल में निबद्ध उमड़ घुमड़ गरजत का गायन किया गया। समारोह के दूसरे दिन अजमेर के विख्यात साहित्यकार डॉ. सुरेश बबलानी मीराबाई के जीवन पर प्रकाश डालेंगे। लखनऊ के विख्यात पखावज वादक अवधि घराने के पं. राज खुशीराम एकल पखावज वादन प्रस्तुत करेंगे।
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