टोंक रोड के डिवाइडर से फिर खिलवाड़, हटाया जा रहा है काला-पीला रंग
रात के समय डिवाइडरों पर लगा पत्थर सही नहीं दिखता
सौन्दर्यीकरण के नाम पर अजमेरी गेट से सांगानेर पुलिया तक लगाए गए चार फीट लंबे इस पत्थर की उस समय कीमत करीब 1200 रुपए थी।
जयपुर। प्रदेश में रोजगार को बढ़ावा देने के साथ ही इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से गत 9 से 11 दिसंबर तक आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट की तैयारियों पर जेडीए ने लाखों रुपए खर्च किए। इसमें जेडीए ने टोंक रोड पर डिवाइडरों पर लगाए गए कीमती पत्थरों पर समिट के दौरान ट्रैफिक नियमों का हवाला देकर पीला एवं काला रंग कर दिया था। अब जेडीए फिर से पत्थर के मूल स्वरूप को लाने के लिए बनाई गई पीली एवं काली पटटी को हटाने में लगा हुआ है। जेडीए ने टोंक रोड पर बी-टू बाइपास से सांगानेर तक करौली का कीमती पत्थर सौन्दर्यीकरण के नाम पर लगाया। इसके बाद समिट के दौरान पत्थरों पर गाड़ियों से निकलने वाले धुंए से काला पड़ने से यातायात में हो रही परेशानी को दूर करने एवं सौन्दर्यीकरण के साथ ही रात के समय सुरक्षित यातायात के लिए पत्थरों पर पीला एवं काला रंग किया। इसके पीछे जेडीए अधिकारियों का तर्क था कि रात के समय डिवाइडरों पर लगा पत्थर सही नहीं दिखता।
चार फीट लंबाई में लगाया था पत्थर
जेडीए ने करीब दस वर्ष पूर्व विशेष अनुमति लेकर डिवाइडर पर करौली का कीमती पत्थर लगाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए थे। सौन्दर्यीकरण के नाम पर अजमेरी गेट से सांगानेर पुलिया तक लगाए गए चार फीट लंबे इस पत्थर की उस समय कीमत करीब 1200 रुपए थी।
इनका कहना है
पत्थरों पर यातायात नियमों की पालना के लिए पीला एवं काला कलर किया गया था। अब इसे हटाने की जानकारी नहीं है प्रकरण की जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
-देवेन्द्र गुप्ता, डायरेक्टर इंजिनियरिंग जेडीए
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