ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा: मृतक ने साढू की बेटी से की छेड़छाड़, साढू ने पैर से गर्दन दबाई, सांस घुटने से दम निकला
संदिग्ध हालात में सिर कुचली हुई सड़ी-गली मिली थी लाश
आरोपी ने साक्ष्य मिटाने के लिए अन्य साथियों के सहयोग से प्लास्टिक के बोरे में रखकर तपेन्द्र की लाश को सीके बिड़ला अस्पताल के पीछे नाले में डाल दिया।
जयपुर। शिप्रापथ थाना पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करते हुए बताया कि मृतक के साढू ने ही मर्डर कर सबूत मिटाने के लिए लाश को सीके बिड़ला अस्पताल के नाले में डाला था। मृतक ने शराब पीकर साढू की नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ की तो साढू ने मारपीट कर मृतक की गर्दन पर पैर रखकर गला दबा दिया था।
मृतक तपेन्द्र बहादुर के शव की पहचान होने के साथ ही पुलिस ने आरोपी जनक बहादुर नेपाली (34) निवासी नेपाल हाल किराएदार नालन्दा विहार शिप्रापथ को गिरफ्तार किया है। एडीसीपी साउथ देवेन्द्र विश्नोई ने बताया कि 13 अक्टूबर को सदिग्ंध हालात में सीके बिड़ला अस्पताल के पीछे नाले में सिर कुचली हुई सड़ी-गली लाश मिली थी। शव को जयपुरिया अस्पताल में रखवा कर टीम का गठन कर जांच शुरू की गई। अज्ञात शव मिलने से पुलिस ने उसके फोटो सार्वजनिक करने के साथ ही करीब दो सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। मृतक के कपड़ों पर लगे लोगो के आधार पर मृतक की शिनाख्त करवाकर आरोपी जनक बहादुर को गिरफ्तार कर लिया गया।
पेंट पर नयन टेलर का लोगो होने पर गुजरात से खोज निकाला टेलर: मृतक की पेंट के पीछे नयन टेलर का लोगो लगा हुआ था। पुलिस ने गूगल पर नयन टेलर को सर्च किया तो देश भर में करीब 50 से अधिक नयन टेलर की पहचान हुई। पुलिस ने सभी के लोगो व्हाट्सअप पर मंगवाकर उनका पेंट पर लगे लोगो से मिलान किया तो गुजरात के जामनगर के नयन टेलर का लोगो हुबहू मिला। इस पर पुलिस ने जाम नगर के नयन टेलर को मृतक की फोटो और पेंट भिजवाई गई। नयन टेलर ने बताया कि यह पेंट हमने ही बनाई है और उसने एक नेपाली से जयपुर पुलिस की बात कराई तो नेपाली मृतक को पहचान गया। उसने बताया कि मृतक का नाम तपेन्द्र बहादुर है, जो अपनी पत्नी नबीना और बच्चों के साथ जयपुर में रहता है।
क्यों किया साढू ने मर्डर?
मृतक की पत्नी अलवर गई हुई थी। दस अक्टूबर को तपेन्द्र अपने साडू के घर नालन्दा विहार चला गया। उसने वहां शराब पीकर साढू की नाबालिग पुत्री के साथ छेड़छाड़ करने लगा और स्वयं के कपड़े खोल दिए। पुत्री ने अपने पिता आरोपी जनक बहादुर को सूचना दी कि मौसा ने इस तरह घिनौनी हरकत की है। जनक बहादुर ने घर आकर लात-गुस्सों से मारपीट कर पैर से मृतक का गला दबा दिया, जिससे मौके पर ही दम घुटने से उसकी मौत हो गई। आरोपी ने साक्ष्य मिटाने के लिए अन्य साथियों के सहयोग से प्लास्टिक के बोरे में रखकर तपेन्द्र की लाश को सीके बिड़ला अस्पताल के पीछे नाले में डाल दिया।
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