निजी प्रतिस्पर्धा के बीच कारोबार नहीं कर पा रही क्रय विक्रय सहकारी समितियां, कारोबार को रफ्तार देने के लिए निजी बाजार से लेंगे टिप्स
निजी बाजार की प्रतिस्पर्धा के बीच राज्य की सहकारी समितियां कारोबार नहीं कर पा रही है। गत वितीय वर्ष में समितियां ने कारोबार का 50 फीसदी लक्ष्य ही हासिल किया है।
जयपुर। निजी बाजार की प्रतिस्पर्धा के बीच राज्य की सहकारी समितियां कारोबार नहीं कर पा रही है। गत वितीय वर्ष में समितियां ने कारोबार का 50 फीसदी लक्ष्य ही हासिल किया है। इसमें कई समितियां का तो कारोबार नाम मात्र का ही हो सका है। ऐसे में अब सहकारिता विभाग ने सभी संबंधित क्रय विक्रय सहकारी समितियां के अधिकारियों को पाबंद किया है कि कारोबार की रफ्तार तेज करें। साथ ही निजी बाजार से कारोबार बढ़ाने की टिप्स भी लेंगे।
राज्य की क्रय विक्रय सहकारी समितियों की ओर से वर्ष 2023-24 में अप्रेल 2023 से मार्च 2024 तक 936072.45 लाख के व्यवसाय (कृषि उपज, कृषि आदान, उपभोक्ता सामग्री) के लक्ष्य निर्धारित किए गए थे। क्रय विक्रय सहकारी समितियों की ओर से लक्ष्यों के विरूद्ध 513487.63 लाख का व्यवसाय कर सकी है। खण्डीय स्तर पर जयपुर खण्ड की ओर से सबसे अधिक लक्ष्यों की पूर्ति (88.85%) की गई। रामिति स्तर पर बकानी क्रय विक्रय सहकारी समिति लि०, बकानी जिला झालावाड की ओर से सबसे अधिक लक्ष्यों की पूर्ति (3290.50%) की गई, जबकि बीकानेर कोलायत कय विक्रय सहकारी समिति लि०, बीकानेर कोलायत जिला बीकानेर का टर्न ओवर 13278.68 लाख) सबसे अधिक रहा। बीकानेर खण्ड में प्रतिशत के आधार पर सादुलपुर कय विक्रय सहकारी समिति लि०, सादुलपुर जिला चूरू की ओर से सबसे अधिक लक्ष्यों की पूर्ति (3077.37%) की गई एवं बीकानेर कोलायत कय दिक्रय सहकारी समिति लि०, बीकानेर कोलायत जिला बीकानेर का टर्न ओवर ( 13278.68 लाख) सबसे अतिक रहा।
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