CM गहलोत की सलाह : कोविड से दुनिया में बन रही परिस्थितियों को देखते हुए अभी भी बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता
WHO का अनुमान हैं कि वर्तमान से लगाकर अगले वर्ष मार्च तक यूरोप के अनेक देशों में हॉस्पीटल, हॉस्पीट्ल्स बेड्स और आई.सी.यू. पर भारी दबाव रहेगा।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूरोप में कोविड की स्थिति को लेकर कहा कि कोविड से दुनिया में बन रही परिस्थितियों को देखते हुए अभी भी बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। गहलोत ने सोशल मीडिया पर एक अखबार में प्रकाशित आर्टिकल भी शेयर किया है, जिसमें यूरोप में कोरोना की स्थिति के बारे में बताया गया है। आर्टिकल के अनुसार यूरोप के अनुभव को देखते हुए ऐसा लगता है कि केवल वेक्सीन से ही कोरोना संक्रमण की श्रृंखला को नहीं तोड़ा जा सकता और न ही इस महामारी का अन्त किया जा सकता है। यूरोप में पिछले वर्ष मार्च के पश्चात् दूसरी बार कोरोना संक्रमण के नये मामलों और मौतों में तेज गति से वृद्धि हो रही है। यूरोप पुनः कोरोना महामारी का मुख्य केन्द्र बन गया है।
इस वर्ष अक्टूबर के प्रारम्भ से ही संक्रमण के मामलों में रोजाना वृद्धि होनी शुरू हुई थी। यह वृद्धि प्रारम्भ में तीन देशों तक सीमित थी किन्तु बाद में यूरोप के सभी देशों में फैल गई जिसकी मुख्य वजह डेल्टा वेरियट है। पिछले सप्ताह यूरोप में 20 लाख नये मामले हुए जो महामारी के शुरूआत होने के बाद से सर्वाधिक है। कोरोना से पूरे विश्व में जितनी मौतें हुई है उनमें से आधे से ज्यादा इस महीने यूरोप में हुई है। ऑस्ट्रिया, नीदरलैण्ड, जर्मनी, डेनमार्क तथा नोवें में प्रतिदिन संक्रमण के सर्वाधिक मामले हो रहे हैं। रोमानिया तथा यूक्रेन में भी कुछ दिनों पहले सर्वाधिक मामले हुए पूरे यूरोप में हॉस्पीटल बेड्स तेज गति से भर रहे हैं।
WHO का अनुमान हैं कि वर्तमान से लगाकर अगले वर्ष मार्च तक यूरोप के अनेक देशों में हॉस्पीटल, हॉस्पीट्ल्स बेड्स और आई.सी.यू. पर भारी दबाव रहेगा। अधिकांश पश्चिमी यूरोप के देशों में टीकाकरण की दर बहुत ऊंची है। आयरलैण्ड में 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को इस वर्ष सितम्बर तक दोनों टीके लग चुके हैं। फ्रांस में बिना टीका लगे लोगों की उन्मुक्त आवाजाही तथा कार्यालय जाने को मुश्किल बना दिया गया है। अगले वर्ष फरवरी से आस्ट्रिया में टीकाकरण अनिवार्य कर दिया जायेगा। आस्ट्रिया में इस वर्ष 22 नवम्बर से 3 सप्ताह का राष्ट्रव्यापी लॉक- डाउन भी लगाया गया है। इस देश में 65 प्रतिशत लोगों को दोनों टीके लगे हुए हैं फिर भी संक्रमण तेज गति से फैल रहा है। यूरोप में संक्रमण के अधिकांश नये मामले उन लोगों के हैं जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, जिन्हें ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन हैं तथा दोनों टीका लगे हुए लोग भी भारी संख्या में अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।
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