गर्मियों में पानी की आपूर्ति के लिए कलेक्टर अधिकृत, आपातकालीन जल आपूर्ति के लिए खर्च कर सकेंगे एक करोड़
शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके
पुरानी पाइपलाइनों की मरम्मत, और विद्युत उपकरणों का प्रतिस्थापन। स्वीकृत कार्यों की समय पर पूर्णता सुनिश्चित की जाएगी ताकि गर्मी 2025 में अधिकतम लाभार्थी लाभान्वित हो सकें।
जयपुर। गर्मियों में शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को आपातकालीन कार्यों की स्वीकृति देने का अधिकार प्रदान किया है। प्रत्येक जिले को एक करोड़ रुपए की वित्तीय सीमा तक के कार्यों की सिफारिश करने की अनुमति दी गई है, ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
जलदाय विभाग के अनुसार कार्यों की स्वीकृति केवल IFMS 3.0 मॉड्यूल के माध्यम से ऑनलाइन दी जाएगी। अन्य योजनाओं और जल जीवन मिशन (JJM) के तहत चल रहे कार्यों को ध्यान में रखते हुए नई परियोजनाएं प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत की जाएंगी। छोटे और आवश्यक मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, जैसे पंप और मोटर बदलना, पुरानी पाइपलाइनों की मरम्मत, और विद्युत उपकरणों का प्रतिस्थापन।
स्वीकृत कार्यों की समय पर पूर्णता सुनिश्चित की जाएगी ताकि गर्मी 2025 में अधिकतम लाभार्थी लाभान्वित हो सकें।
बजट प्रावधान
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत कार्यों के लिए विशेष बजट हेड तैयार किए गए हैं। इनमें हैंडपंप की मरम्मत, पानी का परिवहन, कुओं का किराया और गर्मी संकट योजनाओं के तहत मरम्मत कार्य शामिल हैं।
- जिलाधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि वे इन कार्यों की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि जल संकट के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति प्रभावित न हो। इन निर्देशों का पालन सख्ती से किया जाएगा।
- सरकार का यह कदम गर्मियों के दौरान संभावित जल संकट को टालने और जनता को निर्बाध जल आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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