राजस्थान वाटर सप्लाई एवं सीवरेज एक्ट का प्रारूप तैयार, जल संरक्षण पर जोर
दुर्व्यवहार पर सख्त दंडात्मक प्रावधान शामिल किए
नए एक्ट में अवैध जल कनेक्शन, बूस्टर पंप के उपयोग, और विभागीय कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार पर सख्त दंडात्मक प्रावधान शामिल किए गए हैं।
जयपुर। राजस्थान सरकार ने जल प्रबंधन को प्रभावी बनाने और जल के दुरुपयोग को रोकने के लिए राजस्थान वाटर सप्लाई एवं सीवरेज एक्ट 2025 का प्रारूप तैयार किया है। इस नए एक्ट में अवैध जल कनेक्शन, बूस्टर पंप के उपयोग, और विभागीय कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार पर सख्त दंडात्मक प्रावधान शामिल किए गए हैं।
प्रमुख प्रावधान और बदलाव
1979 में बनाए गए पुराने एक्ट में ऐसे प्रावधानों की कमी थी, जो जल के दुरुपयोग और अव्यवस्थाओं को नियंत्रित कर सके। नए एक्ट में जल उपभोक्ताओं की शिकायतों को समय पर निस्तारित करने के लिए कंज्यूमर कॉल सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव है। ये सेंटर शिकायत दर्ज करने से लेकर उसके समाधान तक की पूरी प्रक्रिया को ट्रैक करेंगे।
बड़ी परियोजनाओं को बजट
पेयजल परियोजनाओं के विस्तार के लिए जयपुर जिले में 2,675 करोड़ रुपए और अजमेर जिले में 1,077 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। ये परियोजनाएं 2053 तक की अनुमानित जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगी।
जल संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
यह एक्ट जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ ही अवैध कनेक्शन और जल अपव्यय पर अंकुश लगाने का प्रभावी माध्यम बनेगा। सरकार की इस पहल से राज्य में जल प्रबंधन की नई दिशा तय होने की उम्मीद है। यह नया कानून जल प्रबंधन की समस्याओं को सुलझाने और नागरिकों को सुगम व संरक्षित जल उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगा।
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