हास्य नाटक बगिया बांछाराम का मंचन रवीन्द्र मंच पर
गांव का जमींदार इस बाग को हड़पना चाहता है
वहीं दूसरी ओर धरती को व्यापार का साधन बनाने व सामन्तवादी सोच परिलक्षित होती है।
जयपुर। हास्य नाटक बगिया बांछाराम की का मंचन रवीन्द्र मंच पर हुआ। मनोज मित्र के लिखे इस नाटक का निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी राम सहाय पारीक ने किया। नाटक एक गरीब वृद्ध किसान बांछाराम की कहानी है, जिसने धरती के प्रति श्रद्धा और प्रेम के चलते जिन्दगी भर मेहनत करके अपनी बगिया को सजा के रखा है। गांव का जमींदार इस बाग को हड़पना चाहता है।
उसने बांछा को बहला फुसला के बाग अपने नाम लिखवा लिया। शर्त के अनुसार बांछा के मरने के बाद बाग जमींदार का हो जाएगा। इधर बांछा का इकलौता वारिस उसका नाती भी बाग को बेचकर व्यापार करना चाहता है। अंतत: जीत सच की होती है। नाटक में जहां एक ओर किसान की धरती के प्रति श्रद्धा चित्रित की गई है। वहीं दूसरी ओर धरती को व्यापार का साधन बनाने व सामन्तवादी सोच परिलक्षित होती है।
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