कमेटी का गठन नहीं, गैर सरकारी सदस्यों के बिना होगी अपीलों पर सुनवाई
26 मई से इन मामलों की सुनवाई की जाएगी
याचिका में अधिवकता प्रतीक कासलीवाल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता स्कूल की फीस निर्धारण को लेकर स्कूल फीस कमेटी ने निर्णय लिया था।
जयपुर। स्कूल फीस से जुडे विवादों की सुनवाई को लेकर रिवीजन कमेटी नहीं बनने से जुडे मामले में शिक्षा विभाग की ओर से हाईकोर्ट में शपथ पत्र पेश किया है। मामले में अदालत मंगलवार को सुनवाई करेगी। शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल की ओर से पेश शपथ पत्र में कहा गया है कि कमेटी के गैर सरकारी सदस्यों के पद खाली चल रहे हैं और नियुक्ति राज्य सरकार को करनी है। आरटीआई अधिनियम में कमेटी के कोरम का भी कोई उल्लेख नहीं है। ऐसे में रिवीजन प्रार्थना पत्रों के लंबित प्रकरणों को देखते हुए इन गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्ति का इंतजार नहीं कर 26 मई से इन मामलों की सुनवाई की जाएगी।
भारतीय विद्या भवन विद्याश्रम की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में अधिवकता प्रतीक कासलीवाल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता स्कूल की फीस निर्धारण को लेकर स्कूल फीस कमेटी ने निर्णय लिया था। इस कमेटी के आदेश को कुछ अभिभावकों ने डिवीजनल कमेटी के समक्ष चुनौती दी। डिवीजनल कमेटी ने स्कूल फीस कमेटी के आदेश को गलत माना। याचिका में कहा गया कि फीस नियंत्रण अधिनियम की धारा दस में डिवीजन कमेटी के आदेश को चुनौती देने के लिए रिवीजन कमेटी के गठन का प्रावधान है, लेकिन राज्य सरकार ने बीते नौ साल से इस रिवीजन कमेटी का गठन ही नहीं किया है। जबकि मई, 2024 में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत में अंडरटेकिंग दी थी, कि तीन सप्ताह में रिवीजन कमेटी का गठन कर लिया जाएगा। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दिनों शिक्षा सचिव से कमेटी गठन को लेकर शपथ पत्र पेश करने को कहा था।

Comment List