राजस्थान भू-राजस्व संशोधन बिल प्रवर समिति को भेजा, कांग्रेस ने किया वॉकआउट
कई सदस्यों ने बिल का विरोध भी किया
कांग्रेस के वॉकआउट पर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस विधायकों को पता था कि सदन में इमरजेंसी पर चर्चा होने वाली है।
जयपुर। राज्य विधानसभा में शुक्रवार को राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन और विधि मान्यकरण) विधेयक बहस के बाद प्रवर समिति (सलेक्ट कमेटी) को भेज दिया गया। राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने बहस का जवाब देते हुए इसे प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया। इस सरकार का ये दूसरा बिल है, जो प्रवर समिति को भेजा है। सदन ने दो दिन पहले भूजल प्राधिकरण बिल प्रवर समिति को भेजा था। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस विधेयक को प्रवर समिति की बजाय जनमत संग्रह के लिए भेजने की मांग करते हुए डिवीजन की मांग की, जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया। इस फैसले के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
कांग्रेस के वॉकआउट पर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस विधायकों को पता था कि सदन में इमरजेंसी पर चर्चा होने वाली है, इसलिए वे चर्चा से बचने के लिए बाहर चले गए। राजस्व संशोधन विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने से जुड़े इस घटनाक्रम ने सदन में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। वहीं, कांग्रेस ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अनादर बताया और अपनी आपत्ति दर्ज कराई। इससे पहले बिल पर सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने बिल का विरोध भी किया।
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