सीएम भजनलाल से मिला दाल मिल प्रतिनिधि मंडल
राज्य के बाहर से आने वाले दलहन पर मंडी शुल्क हटाया जाए
स्थानीय शुल्क में कटौती की मांग
जयपुर। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल के नेतृत्व में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख दाल उद्योगपति शामिल थे, जिनमें जयपुर से संजय सेवानी, मधुसुदन गर्ग, पवन अग्रवाल, बीकानेर से अशोककुमार वासवानी और जयकिशन अग्रवाल प्रमुख रहे।
प्रमुख मुद्दे और मांगें
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि राजस्थान सरकार द्वारा 19 जुलाई 2024 को जारी अधिसूचना से राज्य के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) में पंजीकृत दाल, ऑइल, फ्लोअर मिल्स, तिलहन, और मसाला उद्योगों पर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क के रूप में कुल 2.10% की दर से शुल्क लग रहा है, जिससे दाल मिलर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
1. दोहरे करारोपण का मुद्दा: अन्य राज्यों से मंगाए गए दलहन पर पहले ही मंडी शुल्क का भुगतान किया जाता है, फिर भी राजस्थान की मंडियों में पुनः मंडी शुल्क लगाया जा रहा है।
2. मंडी शुल्क में छूट: राज्य के बाहर से मंगाए गए दलहन पर मंडी शुल्क से छूट की मांग की गई ताकि राज्य की दाल मिलें सुचारु रूप से चल सकें। महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली जैसे पड़ोसी राज्यों में इस पर कोई मंडी शुल्क नहीं लगता है, जिससे राजस्थान की दाल मिलें प्रतिस्पर्धा में पीछे छूट रही हैं।
3. स्थानीय उद्योगों पर प्रभाव: अधिसूचना से परंपरागत कृषि आधारित उद्योगों को नुकसान होगा, जबकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों को फायदा हो सकता है। मंडी शुल्क की उच्च दरों के कारण राजस्थान के उद्योग कमजोर हो रहे हैं, और पड़ोसी राज्यों से आयातित दालें यहां आसानी से बिक रही हैं।
4. अन्य राज्यों की तुलना में शुल्क: पड़ोसी राज्यों में मंडी शुल्क राजस्थान की तुलना में कम है। उदाहरण के लिए, गुजरात में प्रति ट्रक 10 लाख रुपये मूल्य पर 0.50% और महाराष्ट्र में 0.80% का मंडी शुल्क है, जबकि राजस्थान में यह 2.10% है।
5. पलायन की स्थिति: दोहरे मंडी शुल्क के कारण कई दाल मिलें अपनी पूर्ण क्षमता से नहीं चल पा रही हैं और धीरे-धीरे अन्य राज्यों में स्थानांतरित होने को मजबूर हो रही हैं।
सरकार से मांग
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि मंडी शुल्क को 2.10% से घटाकर 1% किया जाए और राज्य के बाहर से मंगाए गए दलहन पर स्थायी रूप से मंडी शुल्क हटाया जाए। यह कदम राजस्थान के परंपरागत कृषि आधारित दाल उद्योगों को पुनः सशक्त करेगा और उन्हें राज्य में टिके रहने में मदद करेगा।
मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रतिनिधि मंडल की समस्याओं को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि सरकार राज्य के कृषि आधारित उद्योगों के हित में उचित निर्णय लेगी।
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