गहलोत सरकार का बदला एक और फैसला : जयपुर, जोधपुर और कोटा में अब एक-एक ही नगर निगम
स्वायत्त शासन विभाग ने जारी की अलग-अलग अधिसूचना
पूर्ववर्ती सरकार ने राजनीतिक स्वार्थों के चलते जयपुर, कोटा और जोधपुर में दो-दो नगर निगम बना दिए थे, जो मापदण्डों के अनुसार भी नहीं थे।
जयपुर। पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के एक और फैसले को मौजूदा भाजपा सरकार ने बदल दिया है। जयपुर, जोधपुर और कोटा में अब एक-एक नगर निगम होंगी। स्वायत्त शासन विभाग ने इसकी अलग-अलग अधिसूचना जारी कर दी है। यह अधिसूचना वर्तमान निगम बोर्डों का कार्यकाल पूरा होने के बाद लागू होंगी। अर्थात जयपुर, जोधपुर और कोटा की दो-दो नगर निगमों के वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल नवंबर में समाप्त होगा। इसके बाद तीनों शहरोंं में एक-एक निगम होंगी, जिसके चुनाव हो सकेंगे। डीएलबी निदेशक इंद्रजीत सिंह ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की हैं।
जयपुर में 150 और कोटा-जोधपुर में 100-100 वार्ड
तीनों शहरों में एक-एक नगर निगम करने के साथ ही वार्ड भी नए सिरे से तय कर दिए गए हैं अर्थात अब जयपुर नगर निगम में 150 वार्ड और कोटा-जोधपुर में 100- 100 वार्ड होंगे। डीएलबी की अधिसूचना के अनुसार 18 अक्टूबर, 2019 को नगर निगम जयपुर, नगर निगम कोटा और नगर निगम जोधपुर को दो भागों में विभाजित किया गया था। ऐसे में अब राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 3, 5, 6 एवं 10 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने वर्तमान में कार्यरत दोनों नगर निगमों के क्षेत्रों को एकीकृत कर नगर निगम जयपुर, नगर निगम कोटा और नगर निगम जोधपुर को पुनर्गठित किया हैं। जो भी भविष्य में नगर निगम जयपुर, नगर निगम कोटा और नगर निगम जोधपुर के नाम से जाना जाएगा। यह अधिसूचना नगर निगमों के बोर्ड के वर्तमान कार्यकाल को पूरा होने की तिथि से प्रभावी होगी।
पूर्ववर्ती सरकार ने राजनीतिक स्वार्थों के चलते जयपुर, कोटा और जोधपुर में दो-दो नगर निगम बना दिए थे, जो मापदण्डों के अनुसार भी नहीं थे। इससे शहरों की स्थिति ज्यादा खराब हुई। हमने वादा किया था, एक शहर, एक निकाय करेंगे। उसी के मद्देनजर तीनों शहरों में एक-एक नगर निगम करने का फैसला लिया हैं।
-झाबर सिंह खर्रा, नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्रीु
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