एक पर्यटक की शहर के पांच पर्यटन स्थलों पर हो रही गिनती, प्रदेश के अन्य जिलों के पर्यटन स्थलों पर जाने पर फिर हो जाती है काउंटिंग
कम्पोजिट टिकट लेने वाला पर्यटक ही सिंगल काउंट
गुलाबी नगरी के पर्यटन स्थलों को देखने के लिए हर साल लाखों देशी और विदेशी पर्यटक इस ओर रुख करते हैं
जयपुर। गुलाबी नगरी के पर्यटन स्थलों को देखने के लिए हर साल लाखों देशी और विदेशी पर्यटक इस ओर रुख करते हैं। आमेर महल, हवामहल, जंतर-मंतर, नाहरगढ़ दुर्ग सहित विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही अधिक रहती है। दूसरी ओर पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि एक पर्यटक शहर के करीब चार से पांच मॉन्यूमेंट्स का विजिट करता है। अगर पर्यटक पांचों जगहों से अलग-अलग टिकट लेता है तो ऐसे में एक पर्यटक पांच जगह काउंट हो जाता है। कहा जाए तो उसकी पर्यटक के रूप में पांच पर काउंटिंग हो जाती है। जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ना लाजमी है।
कम्पोजिट टिकट लेने वाला पर्यटक ही सिंगल काउंट
पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले स्मारकों में पर्यटकों की सुविधार्थ कम्पोजिट टिकट की व्यवस्था है। इसके तहत अगर पर्यटक कम्पोजिट टिकट लेता है तो इसके जरिए वो शहर के आमेर महल, हवामहल स्मारक, जन्तर-मंतर स्मारक, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, नाहरगढ़ दुर्ग सहित 8 स्मारकों में विजिट कर सकता है। इस तरह का टिकट लेने वाला पर्यटक सिंगल टूरिस्ट में काउंट होता है। अगर एक पर्यटक इन स्मारकों में अलग-अलग टिकट लेता है तो वो हर मॉन्यूमेंट पर पर्यटक के रूप में काउंट किया जाता है। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि पर्यटकों की अलग-अलग काउंटिंग करने का ऐसा कोई सिस्टम नहीं है, लेकिन इसके लिए विभाग कार्य कर रहा है। अभी पुरातत्व विभाग के संरक्षित स्मारकों आदि के साथ ही होटलों से पर्यटकों का आंकड़ा लिया जाता है।
विदेशी पर्यटक के लिए पोर्टल, देशी के लिए नहीं : पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी पर्यटक शहर में प्रवेश करने के बाद होटल आता है, तो उसकी सारी जानकारी एफआरओ पोर्टल पर अपलोड कर दी जाती है। जैसे कि उसका पासपोर्ट नम्बर, देश का नाम, उसके आने-जाने की जानकारी, कब तक रुकेगा आदि। घरेलू पर्यटकों के लिए कोई पोर्टल नहीं है।
आमेर महल आते है सबसे अधिक पर्यटक
पुरातत्व विभाग के अनुसार जयपुर स्थित स्मारकों में सबसे अधिक पर्यटक आमेर महल आते हैं। उसके बाद हवामहल स्मारक, जंतर-मंतर, नाहरगढ़ दुर्ग, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय आदि में आते हैं।
इनका कहना
पर्यटन विभाग की टूरिस्टों की गणना करने की प्रक्रिया दोषपूर्ण है। आजतक इसका समाधान नहीं हो सका। यही कारण है कि जयपुर शहर आने वाला एक पर्यटक चार से पांच जगह गिना जाता है। होटल प्रबंधकों को टूरिस्ट परपज से आने वाले पर्यटकों का डेटा एकत्र कर पर्यटन विभाग को देना चाहिए। हर होटल में आने वाले पर्यटक की आईडी ली जाती है, उसे काउंट करना चाहिए।
-नरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष, टूरिस्ट गाइड फैडरेशन ऑफ इंडिया
99 प्रतिशत टूरिस्ट आमेर महल, जंतर-मंतर स्मारक और हवामहल स्मारक जाते हैं। एक टूरिस्ट शहर के तकरीबन पांच पर्यटन स्थल विजिट करता है। ऐसे में एक टूरिस्ट पांच जगह गिना जाता है। इससे आंकड़े बढ़ जाते हैं। पर्यटन विभाग के पास इनकी काउंटिंग के लिए कोई विकल्प नहीं है। टिकट की डिजिटल व्यवस्था हो तो काउंटिंग संभव है।
-मदन सिंह राजपुरिया, अध्यक्ष, जयपुर टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन
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