75 साल में बदली सूरत : संकट पर कटौतियों की बिजली, 26 लाख करोड़ के MOU
नवीकरणीय ऊर्जा में बढ़ोतरी
ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत 93.88 लाख घरों में से 92.14 लाख घरों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है।
जयपुर। ऊर्जा विभाग ने पिछले एक साल में ऊर्जा क्षेत्र में बिजली संकट से प्रदेश को उबारते हुए रबी सीजन में बिजली कटौती पर काफी हद तक नियंत्रण करके दिखाया। बिजली उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी कर सोलर एनर्जी उत्पादन में राजस्थान ने नए कीर्तिमान स्थापित किए। पीएम कुसुम योजना को गति देते हुए राइजिंग राजस्थान समिट में ऊर्जा क्षेत्र में ही 26 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आगामी दिनों में प्रदेश की ऊर्जा क्षेत्र में तस्वीर बदल देंगे।
राजस्थान में सर्वाधिक निवेश
दस मार्च, 2024 को केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के साथ एक लाख 58 हजार 800 करोड़ के एमओयू हुए। इनमें 3295 मेगावाट की पंरपरागत तथा 31 हजार 843 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं विकसित होंगी।
नवीकरणीय ऊर्जा में बढ़ोतरी
राजस्थान सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बना हुआ है। वर्ष 2024-25 में सौर ऊर्जा परियोजनाओं का विस्तार जैसे बीकानेर और अन्य क्षेत्रों में शुरू की गई 300 मेगावाट क्षमता वाली परियोजनाएं, जिनकी आधारशिला 2024 में रखी गई थी। राजस्थान ने 2024-25 में सौर ऊर्जा उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है। दिसंबर 2024 तक राज्य सरकार ने लगभग 26,000 सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंप सेटों की स्थापना के लिए 400 करोड़ रुपए का अनुदान दिया, जो किसानों को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने में मदद कर रहा है। इसके अलावा सितंबर 2024 में राजस्थान को सौर ऊर्जा क्षमता में देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
विद्युत ट्रांसमिशन सुदृढ़ीकरण
2024 में शुरू की गई 2100 करोड़ रुपए से अधिक की विद्युत ट्रांसमिशन परियोजनाएं जैसे फतेहगढ़ और भड़ला में सौर ऊर्जा क्षेत्रों से बिजली निकासी के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति को बेहतर करने में मददगार साबित होगा। राज्य में नए सब स्टेशनों की स्थापना और पुराने ढांचे का आधुनिकीकरण इस वर्ष की एक बड़ी उपलब्धि रही। स्मार्ट मीटरिंग से बिजली चोरी और छीजत रोकने में आसानी रही। ऊर्जा क्षेत्र की मजबूती के लिए अन्य स्रोतों में पवन ऊर्जा, बायोगैस और छोटे संयंत्र, सौर लाइट्स और माइक्रो ग्रिड, ऊर्जा संरक्षण अभियान, ऊर्जा ऑडिट, ऊर्जा अधिशेष और निर्यात की स्थिति को सुधारा गया।
हर घर बिजली योजना का विस्तार, रिकॉर्ड उत्पादन
ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत 93.88 लाख घरों में से 92.14 लाख घरों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है। 2024-25 में शेष घरों को जोड़ने का लक्ष्य पूरा करने की दिशा में तेजी से पूरा किया जा रहा है। पूर्ववर्ती सरकार के समय कम गुणवत्ता वाले कोयले के कारण थर्मल प्लांट 50 प्रतिशत उत्पादन क्षमता पर काम कर रहे थे। सरकार ने बढ़िया गुणवत्ता कोयला मंगवाकर उत्पादन क्षमता 70 प्रतिशत तक पहुंचाई। कम उत्पादन की वजह से 2022 और 2023 में अघोषित बिजली कटौती से लोग, किसान और व्यापारी परेशान हुए। सरकार ने बेहतर प्रबंधन करके रबी सीजन में कटौती पर नियंत्रण किया।
कुसुम का कार्यान्वयन, बढ़ाया सूर्य घर का दायरा
पूर्ववर्ती सरकार ने पीएम कुसुम-सी में चार मेगावाट का एक प्लांट बनाया, जबकि इस सरकार ने 290 मेगावाट क्षमता के विकेन्द्रीकृत सौर संयंत्र और कुसुम-ए और कुसुम-सी में 650 मेगावाट के विकेन्द्रित सोलर प्लांट लगाए हैं। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का दायरा बढ़ाया। इसे सभी बिजली उपभोक्ताओं को जोड़ने की तैयारी करते हुए 150 यूनिट मुफ्त बिजली देने की तैयारी तेज हो गई है।
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