सुसाइड नोट में परिवार से माफी मांगी : आंधी थाने में कांस्टेबल ने की जीवन लीला समाप्त, पुलिस महकमे में हड़कंप
मेरे बच्चों का रखना ख्याल, बिमारी से था परेशान
उप खंड क्षेत्र के आंधी थाने में तैनात एक कांस्टेबल बुधवार सुबह थाने की सीढ़ियों में झूलता हुआ मिला
जमवारामगढ़। उप खंड क्षेत्र के आंधी थाने में तैनात एक कांस्टेबल बुधवार सुबह थाने की सीढ़ियों में झूलता हुआ मिला। थाने में कांस्टेबल हरीओम चौधरी (35) निवासी भरतहा डींग कुम्हेर भरतपुर के सुसाइड से पूरे पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजनीश पुनियां, वृताधिकारी प्रदीप कुमार, उप खंड अधिकारी ललित मीणा आंधी थाने पर पहुंचे और घटनास्थल पर एफएसएल टीम बुलाई इस टीम ने घटनास्थल पर से साक्ष्य उठाए है। घटना की जानकारी पुलिस ने मृतक कांस्टेबल के परिजनों को दी। सूचना के बाद मृतक कांस्टेबल के परिजन थाने पहुंचे और थाने में मृतक कांस्टेबल के भाई रामनारायण चौधरी ने रिपोर्ट दी है। परिजनों की मौजूदगी में आंधी थाना अधिकारी रमेश मीना ने मृतक कांस्टेबल हरीओम चौधरी के शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आंधी लेकर आए वहां पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड से मृतक कांस्टेबल का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंपा है। मृतक कांस्टेबल हरीओम चौधरी के शव के साथ आंधी थाना अधिकारी रमेश मीना व अन्य स्टॉफ भी उसके पैतृक गांव पहुंचकर उसके अंतिमदाह में शामिल हुए।
ये लिखा सुसाइड नोट में
मृतक कांस्टेबल के पास पुलिस को एक चार लाइन का सुसाइड नोट मिला हैं, जिसमें उन्होंने बताया है। मैं बिमारी से परेशान हूं। मेरे मरने के बाद मेरे बच्चों का देखभाल करना। मेरे परिवार की कोई गलती नहीं है।
मृतक कांस्टेबल के पास जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें उन्होंने बताया है, कि मैं बिमारी व परिस्थितियों से परेशान होकर आत्महत्या कर रहा हूं। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं हैं। मेरे बच्चों का ध्यान रखना और परिवार से माफी मांगी है। परिवारजनों ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें किसी पर शक जाहिर नहीं किया है। रिपोर्ट दर्ज करके एफएसएल टीम बुलाकर साक्ष्य उठाए है।
आनंद शर्मा, पुलिस अधीक्षक, जयपुर ग्रामीण।
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