खेल विभाग ने महिला टीम के मामले में खेल परिषद से मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट : सीएम की फटकार, उच्चस्तर पर समाधान की कोशिश
कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त नेता को सौंपी जिम्मेदारी
नागपुर में राजस्थान की अंडर-23 महिला टीम के टिकट नहीं होने की वजह से दो दिन अटके रहने के मामले को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को आरसीए एडहॉक कमेटी के सभी पांचों सदस्यों को तलब किया, वहीं खेल विभाग ने राजस्थान खेल परिषद से इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
जयपुर। नागपुर में राजस्थान की अंडर-23 महिला टीम के टिकट नहीं होने की वजह से दो दिन अटके रहने के मामले को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को आरसीए एडहॉक कमेटी के सभी पांचों सदस्यों को तलब किया, वहीं खेल विभाग ने राजस्थान खेल परिषद से इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। एडहॉक कमेटी सदस्य दीनदयाल कुमावत और चार सदस्यों धनंजय सिंह, आशीष तिवाड़ी, मोहित यादव और पिंकेश जैन के बीच चल रहे विवाद की वजह से नागपुर में अंडर-23 टूर्नामेंट में हिस्सा लेने गई राजस्थान टीम के लौटने के टिकट समय पर नहीं हो सके। खिलाड़ियों को दो दिन नागपुर में ही रुकना पड़ा। आखिर बुधवार को सायं खिलाड़ी फ्लाइट से दिल्ली पहुंचीं और आज सुबह जयपुर आईं।
कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त नेता को सौंपी जिम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने न केवल एडहॉक कमेटी सदस्यों फटकार लगाई बल्कि आरसीए के विवाद के समाधान के लिए एक कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त नेता को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है। चर्चा है कि वे सभी पक्षों के साथ चर्चा कर आरसीए के नये चुनाव का रोडमैप तैयार करेंगे। बताया गया कि सीएम के साथ एडहॉक कमेटी मेम्बरों की मुलाकात के दौरान भी वे मौजूद रहे।
सीएम ने दिए दो टूक निर्देश बयानबाजी या विवाद बर्दाश्त नहीं
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री ने सख्त नाराजगी में पांचों सदस्यों को दो टूक निर्देश दिए कि आगे किसी तरह की बयानबाजी या विवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी को साथ मिलकर काम करने को कहा। इसका असर भी नजर आया। आए दिन एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने वाले एडहॉक कमेटी मेम्बर सीएम से मुलाकात के बाद पूरी तरह चुप्पी साधे हैं।

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