सर्दी में ही गर्मी का अहसास, सर्दी जुकाम ने बिगाड़ा सेहत का मिजाज : हर घर में बुखार, खांसी के मरीज, अस्थमा और एलर्जी के मरीजों की बढ़ी परेशानी
डॉक्टर्स ने दी सलाह, इस मौसम में लापरवाही न बरतें, बचाव ही सबसे बेहतर इलाज
राजधानी जयपुर में मौसम अब रंग बदलने लगा है, फरवरी महीने में ही गर्मी का असर शुरू हो गया है
जयपुर। राजधानी जयपुर में मौसम अब रंग बदलने लगा है। फरवरी महीने में ही गर्मी का असर शुरू हो गया है। दिन में जहां तेज धूप और गर्मी का असर है वहीं सुबह शाम सर्दी का अहसास बना हुआ है। ऐसे में सर्द-गर्म के माहौल के बीच आमजन को मौसमी बीमारियों ने जकड़ लिया है। साथ ही इन दिनों शहर में वायु प्रदूषण भी काफी बढ़ गया है। शाम होते होते शहर में धुंध सी दिखाई देती है, जो कि वास्तव में धुंध न होकर वायु प्रदूषण है। वायु प्रदूषण और मौसम में बदलाव के कारण अस्पतालों में वायरल इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम, अस्थमा, एलर्जी और सीओपीडी के केस 20 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। न केवल एसएमएस बल्कि गणगौरी, जयपुरिया सहित निजी अस्पतालों में भी तेजी से केस बढ़े हैं। डॉक्टर्स की मानें तो अगले कुछ दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी। इसका प्रमुख कारण प्रदूषण, मौसम में बदलाव और सावधानी नहीं रखना है। अकेले एसएमएस अस्पताल में ही अस्थमा और एलर्जी की ओपीडी इन दिनों एक हजार मरीज प्रतिदिन को पार गई है। वहीं श्वास रोग संस्थान में भी इन दिनों ओपीडी बढ़कर 1500 तक पहुंच गई है। साथ ही इनमें से पांच से सात प्रतिशत मरीजों को अस्पतालों में भर्ती भी किया जा रहा है। वहीं एसएमएस अस्पताल की ओपीडी भी इन दिनों 10 हजार के पार पहुंच गई है। इसमें से अकेले जनरल मेडिसिन में 1500 से 2000 हजार मरीज रोजाना इलाज के लिए आ रहे हैं।
बड़ों के साथ ही बच्चे भी चपेट में
शहर के जेकेलोन अस्पताल में भी इन दिनों बच्चों में वायरल, सांस, अस्थमा और एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ी है। यहां ओपीडी में रोजाना 100 से ज्यादा बच्चे अकेले श्वास संबंधी बीमारियों के आ रहे हैं और इनमें से कई बच्चों को तो भर्ती तक करने की नौबत आ रही है। यही हाल बच्चों के अन्य निजी अस्पतालों और प्राइवेट क्लिनिक्स का भी है।
ऐसे करें बचाव
- अल सुबह और सूरज ढलने के बाद पार्क में घूमने जाएं, तो गर्म कपड़े पहनें और मास्क लगाकर जाएं।
- विशेषकर बुजुर्ग और सांस सबंधी बीमारियों के मरीज ज्यादा सतर्क रहें।
- घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें या मुंह पर कपड़ा बांधें।
- अस्थमा रोगी इनहेलर या दवाइयों का समय से प्रयोग करें।
- ठंडा खाने-पीने से बचें।
- डॉक्टर्स की सलाह के मुताबिक रहकर खुद का बचाव किया जा सकता है।
इन दिनों मौसम में अचानक गर्मी आने से मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए अपना बचाव रखें, समय पर इनहेलर और दवाईयां लें। मास्क लगाकर बाहर निकलें और पहनने ओढ़ने का विशेष तौर पर ध्यान रखें। तकलीफ बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
-डॉ. श्यामसुंदर, सीनियर फिजिशियन
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