बाघिन आरवीटी - 2 की मौत वन्य जीवों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न, न्यायिक जांच कराए सरकार : जूली

एक शावक अभी लापता है

बाघिन आरवीटी - 2 की मौत वन्य जीवों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न, न्यायिक जांच कराए सरकार : जूली

इस बाघिन के करीब 13 माह के एक शावक की भी 3 माह पहले विषम स्थितियों में मृत्यु हो चुकी है, जबकि एक शावक अभी लापता है। 

जयपुर। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बूंदी जिले के रामगढ़ विषधारी अभयारण्य की शान बाघिन आरवीटी-2 की विषम स्थितियों में मृत्यु को दुःखद बताया है। जूली ने कहा कि यह प्रदेश में दुर्लभ एवं संरक्षित वन्य जीवों की सुरक्षा पर एक गंभीर प्रश्न भी है। वहीं इस बाघिन के करीब 13 माह के एक शावक की भी 3 माह पहले विषम स्थितियों में मृत्यु हो चुकी है, जबकि एक शावक अभी लापता है। 

रणथंभौर टाइगर सेंचुरी से 27 माह पहले रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में शिफ्ट की गयी इस बाघिन पिछले कुछ दिनों से लापता थी, जिसका 8-10 दिन पुराना कंकाल घने जंगल में खोज अभियान में मिला है। यह स्थिति राज्य में वन्य जीव अभयारण्यों के प्रति देखरेख पर सवाल खड़े करती है। इससे यह अंदेशा होता है कि अभयारण्यों में वन्यजीवों के भोजन, पानी के लिए माकूल इंतजाम नहीं है। 

वहीं इनकी निगरानी का तंत्र अत्यंत कमजोर है। प्रदेश के संरक्षित वन्य जीव अभयारण्यों में अवैध शिकार की घटनाएं भी लगातार हो रही हैं। जूली ने कहा कि कमोवेश यही हालात सरिस्का अभ्यारण्य के भी हैं। राज्य सरकार को प्रदेश में बाघों की सुरक्षा और वन्य जीव अभयारण्यों के कुशल प्रबंधन के लिए अधिक सजग और संवेदनशील रहना चाहिए। इस बाघिन के शावकों की सुरक्षा पर भी सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। साथ ही आरवीटी -2 बाघिन की मृत्यु के कारणों की न्यायिक जांच होनी चाहिए और बाघिन की मृत्यु के पार्श्व के सभी पहलू उजागर होने चाहिए।

 

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