राजस्थान में तीसरी लहर में एक फीसदी से कम भर्ती हुए, मौतें प्रति हजार एक या इससे कम रही

चीन में जिस कोरोना से कोहराम, हमने उसे मात दी : वेरिएंट के 18 फीसदी केस आए, लेकिन ना गंभीर बीमार हुए और ना मौतें हुईं

राजस्थान में तीसरी लहर में एक फीसदी से कम भर्ती हुए, मौतें प्रति हजार एक या इससे कम रही

ओमिक्रॉन वेरिएंट से यूं मिला सुरक्षा कवच प्राकृतिक इम्यूनिटी विकसित हुई

 जयपुर। चीन में कोरोना के ओमिक्रॉन बी-टू वेरिएंट से कोहराम मचा हुआ है। लाखों लोग न केवल गंभीर बीमार हो रहे हैं, बल्कि रिपोर्टस के मुताबिक करीब पांच फीसदी के करीब मौतें भी हो रही हैं। यही वेरिएंट राजस्थान की तीसरी लहर में बेअसर सा रहा। इससे लोग संक्रमित जरूर हुए, लेकिन ना गंभीर बीमार हुए और ना ही मौतें हुईं। चिकित्सा विभाग के जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट की माने तो ओमिक्रॉन के सामान्य वेरिएंट के अलावा बी-टू वेरिएंट ने राजस्थान में तीसरी लहर में कुल मरीजों में से करीब 18 फीसदी संक्रमित हुए, लेकिन संक्रमित होने वाले लोगों ने उसे मात दी। एक फीसदी मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ी और मौतें तो न के बराबर 0.001 फीसदी ही इससे हुई। जिनकी मौत हुई, उनमें भी ज्यादातर उम्रदराज, बीमारियों से ग्रस्त लोग ही थे।

ओमिक्रॉन वेरिएंट से यूं मिला सुरक्षा कवच प्राकृतिक इम्यूनिटी विकसित हुई
पहली और दूसरी डेल्टा वेरिएंट की लहर में आईसीएमआर के सीरो सर्वे में करीब 80 फीसदी लोगों में कोविड के खिलाफ एंडी बॉडीज मिली। अर्थात वायरस का संक्रमण हुआ, लेकिन वे लक्षण विहीन रहे। बीमार नहीं हुए। इस बड़ी आबादी में प्राकृतिक इम्यूनिटी वायरस के खिलाफ विकसित हो गई। इसके चलते हल्के वेरिएंट बी-टू ओमिक्रॉन के संक्रमण से लोगों में आई प्रतिरोधक क्षमता ने आसानी से मुकाबला कर लिया।

टीकाकरण ने बूस्ट किया
पहली लहर में सीरो सर्वे के मुताबिक 50 फीसदी से ज्यादा लोग सामान्य कोविड वायरस से संक्रमित हुए। हालांकि बीमार कम ही हुए, लेकिन एंडी बॉडीज बनी। फिर कोरोना टीकाकरण शुरू हो गया। पहले से एंटी बॉडीज और फिर कोरोना टीकाकरण की दो डोजों ने बूस्टर की तरह काम किया। दूसरी लहर में ही वैक्सीनेशन जारी रहा। ऐसे में लोग तीसरी लहर में ओमिक्रॉन से लड़ सके।

चीन में संक्रमण का तांडव क्यों
चीन में मौतें क्यों हो रही है, संक्रमण का तांडव क्यों है। इसकी डिटेल स्टडी सामने नहीं आई है। लगता है कि वहां प्राकृतिक इम्यूनिटी हमारे मुकाबले कम विकसित हुई। संभवत: जो वैक्सीन उपयोग में आई, वह कम असरकारक रही होगी।
-डॉ. रमन शर्मा, सीनियर प्रोफेसर

चीन में इम्यूनिटी नहीं मिली
चीन और उसके पड़ोसी देशों में शुरुआती दो लहरों में कम केसेज आए। इससे प्राकृतिक इम्यूनिटी विकसित नहीं हुई। वैक्सीनेशन भी कम असरकारक दिख रहा है। हमारे यहां प्राकृतिक और वेक्सीन से इम्यूनिटी दोनों प्रभावी रहे।
-डॉ. वीरेन्द्र सिंह, सदस्य सीएम सलाहकार समिति

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