बाघिन रानी पी रही मिनरल वाटर, आज एक माह के हो जाएंगे पांचों शावक
व्यवहार में परिवर्तन के लिए दी गई दवाइयां
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार बाघिन रानी ने जब पहली बार शावकों को जन्म दिय था, तो उसने शावकों को नहीं अपनाया, लेकिन इस बार मां शावकों को दूध पिला रही है।
जयपुर। नाहरगढ़ में बाघिन रानी के पांचों शावक मंगलवार को एक माह के हो जाएंगे। मां की देखरेख में पल रहे पांचों शावक स्वस्थ बताए जा रहे हैं। बाघिन को पीने के लिए मिनरल वाटर के साथ ही ग्जूकोज और इलेक्ट्रॉल दिया जा रहा है। विटामिंस, मिनरल्स, कैल्शियम के साथ ही आवश्यक दवाइयां भी दी जा रही है। इसे एक दिन में दो बार डाइट दी जा रही है। पहले सुबह 6 बजे 4 किलो ताजा चिकन दिया जा रहा है। दूसरी बार दोपहर करीब एक बजे खाने में 10 किलो चिकन, 2 किलो बकरा मांस और 4 किलो पाडा मांस दिया जा रहा है। इसके साथ ही करीब 7 लीटर चिकन सूप भी दिया जा रहा है।
आस-पास रख रही सफाई
डॉ. माथुर ने बताया कि 27 मई को शावक एक माह के हो जाएंगे। इन दिनों के दौरान विशेषकर देखने को मिला कि बाघिन रानी शावकों को साफ सुधरी जगह रख रही है। रोजाना सुबह बचे हुए मीट को पांव से एक साइड कर देती है। ताकि शावक उसके आस-पास नहीं जा सकें। कहा जाए तो बाघिन को साफ-सफाई पसंद है।
कराल एरिया को ग्रीन नेट से ढका : बाघिन के पिंजरे के पास कराल एरिया को ग्रीन नेट से ढका गया है। पिंजरे के अंदर जम्बो कूलर लगाया गया है, ताकि मां और शावकों को गर्मी से निजात मिल सके। पास वाले पिंजरे में बाघ को डिस्प्ले एरिया में नहीं छोड़ रहे, ताकि इनकी गुर्राहट से शावक डरे नहीं। सीसीटीवी कैमरे की सहायता से इनक 24 घंटे नजर रखी जा रही है।
व्यवहार में परिवर्तन के लिए दी गई दवाइयां
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार बाघिन रानी ने जब पहली बार शावकों को जन्म दिय था, तो उसने शावकों को नहीं अपनाया, लेकिन इस बार मां शावकों को दूध पिला रही है। उनका ध्यान भी रख रही है। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि इस पिछली बार की स्थिति को देखते हुए इस बार बाघिन रानी को व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए आवश्यक दवाइयां दी गई। पीने के लिए मिनरल वाटर दिया जा रहा है।

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