आईएएस टी. शुभामंगला की नेगेटिव एसीआर का मामला सीएस के पास प्रकरण लंबित, डीओपी नहीं पहुंची रिपोर्ट
दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे की उच्च स्तर पर लिखित शिकायत भी की थी
पूरे मामले में पंत की रिपोर्ट अहम होगी। उनकी रिपोर्ट डीओपी जाने के बाद ही शुभामंगला की एसीआर भरी जाएगी।
जयपुर। राजस्थान में वर्ष 2018 बैच की आईएएस और वर्तमान में जोधपुर नगर निगम दक्षिण में आयुक्त के पद पर कार्यरत टी.शुभामंगला की नेगेटिव एसीआर भरने का मामला अभी सुलझा नहीं है। मामला मुख्य सचिव सुंधाश पंत के पास ही लंबित है। उनकी रिपोर्ट के बाद ही टी.शुभामंगला की एसीआर में कार्मिक विभाग यानी डीओपी अपनी आगे की प्रक्रिया करेगा। कार्मिक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते एक माह पंत प्रदेश में निवेश को हुए राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट सहित अन्य व्यस्तता के चलते कमेटी की बैठक कर मामले पर अपनी अनुशंसात्मक रिपोर्ट डीओपी में नहीं भेज पाए हैं। ऐसे में नए साल में ही टी.शुभामंगला की एसीआर रिपोर्ट पर फैसला हो सकेगा।
शिक्षा विभाग में आईएएस नवीन जैन-शुभामंगला थे आमने-सामने, जैन ने भरी थी नेगेटिव रिपोर्ट
वर्तमान में वित्त विभाग में सचिव के पद पर कार्यरत आईएएस नवीन जैन और टी.शुभामंगला 2023-24 में शिक्षा विभाग में कार्यरत थे। तब नवीन जैन स्कूल शिक्षा विभाग में सचिव और शुभामंगला समग्र शिक्षा अभियान, स्कूल शिक्षा परिषद में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थी। जैन स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव पद पर कार्यरत थे। दोनों अधिकारियों के बीच तब काम को लेकर टकराव हुआ था। जैन उनके सीनियर अधिकारी थे। ऐसे में उन्होंने शुभामंगला की एसीआर भरते वक्त उसमें नेगेटिव रिपोर्ट भर दी थी। जब ये लौटकर शुभामंगला के पास गई तो उन्होंने उनके रिमार्क पर आपत्ति की और डीओपी को उनकी रिपोर्ट गलत होने की बात लिखी थी। इसके बाद फिर से एसीआर रिपोर्ट को दस्तावेज डीओपी ने जैन के पास भेजे थे, तो उन्होंने फिर इस पर नेगेटिव रिमार्क कर दिया। सूत्रों के अनुसार इसके बाद शुभामंगला ने मुख्य सचिव सुधांश पंत को जाकर अपना पक्ष रखा। पंत की अध्यक्षता में बनी कमेटी अब इस पर फैसला करेगी। पूरे मामले में पंत की रिपोर्ट अहम होगी। उनकी रिपोर्ट डीओपी जाने के बाद ही शुभामंगला की एसीआर भरी जाएगी।
क्या था दोनों के बीच विवाद
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग में रहते हुए दोनों के बीच विभागीय फैसले लिए जाने पर विवाद शुरू हुआ था। जैन की आपत्ति थी कि शुभामंगला उनसे बिना चर्चा करें फैसले करती है। दोनों के विवाद में समग्र शिक्षा अभियान के केन्द्र से आने वाले सौ करोड़ रुपए की राशि भी लैप्स हो गई थी। दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे की उच्च स्तर पर लिखित शिकायत भी की थी।
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