मंत्री मंडलीय समिति की समीक्षा के बाद नए जिलों की कम हो सकती है संख्या

जिला परिषदों का गठन भी किया जाएगा

मंत्री मंडलीय समिति की समीक्षा के बाद नए जिलों की कम हो सकती है संख्या

नए बनाए गए कई जिलों में जिला परिषद के वार्डों की संख्या कम है। नए जिलों में जिला परिषदों का गठन भी किया जाएगा।

जयपुर। पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में बनाए गए नए जिलों की समीक्षा के लिए गठित पूर्व आईएएस ललित के पंवार समिति के रिपोर्ट सौंपने के बाद अब गेंद मंत्री मंडलीय उप समिति के पाले में है। अब मंत्री मंडलीय उप समिति पंवार की रिपोर्ट की समीक्षा करेगी। राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार को शुक्रवार को सौंपी गई पंवार समिति की रिपोर्ट के बाद राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं हैं। कयास है कि मंत्री मंडलीय उप समिति की समीक्षा के बाद नए जिलों की संख्या घट कर आधी सकती है। दूदू के बजाय सांभर को जिला बनाए जाने की संभावना ज्यादा है। चूंकि जिला परिषदों के वार्डों की संख्या को लेकर पेच फंस रहा है। एक जिला परिषद में वार्डों की संख्या कम से कम 17 जरूरी है। नए बनाए गए कई जिलों में जिला परिषद के वार्डों की संख्या कम है। नए जिलों में जिला परिषदों का गठन भी किया जाएगा।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से बनाए 17 नए जिलों और तीन संभागों की भजनलाल शर्मा सरकार समीक्षा करवा रही है। इसके लिए 12 जून को उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन कर दिया गया है। समिति में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत को सदस्य बनाया गया है। मंत्री मंडलीय उप समिति के गठन का मकसद नए जिलों और संभागों के प्रशासनिक दृष्ठि से क्षेत्राधिकार, सुचारू संचालन, प्रशासनिक आवश्यकता और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता आदि के बारे में अपनी रिपोर्ट प्राप्त करना है। 

ये नए जिले मापदंडों में नहीं उतर रहे खरे
सूत्रों के अनुसार नए जिलों में से कुछ जिले मापदंडों में खरे नहीं उतर रहे। मंत्री मंडलीय उप समिति खासतौर से इस मुख्य बिन्दु की ही समीक्षा करेगी। अगर सब कुछ ठीक रहा और मंत्री मंडलीय उप समिति ने समय पर अपनी रिपोर्ट दी और कोई राजनीतिक दांवपेच नहीं फंसा, तो इन नए जिलों में से कोटपूतली-बहरोड़, नीमकाथाना, खैरथल-तिजारा, केकड़ी, दूदू, अनूपगढ़, सांचौर, डीग, गंगापुरसिटी, सलूम्बर, फलौदी और शाहपुरा जिलों से जिलों का दर्जा वापस लिया जा सकता है। पूर्ववर्ती सरकार ने गत चार अगस्त को 19 जिलों के गठन को मंजूरी दी थी। इसके बाद तीन और नए जिले बनाने की घोषणा की थी। 

ये बनाए थे नए जिले
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने बालोतरा, ब्यावर, अनूपगढ़, डीडवाना, कुचामन, डीग, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचोर, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम और शाहपुरा नया जिला बनाया था। इसके साथ ही सीकर, पाली और बांसवाड़ा को नया संभाग बनाया था। इनकी अधिसूचना जारी कर दी गई थी। बाद में मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचामनसिटी को भी जिला बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन उनके गठन की अधिसूचना जारी नहीं हो पाई थी।  

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